
संवाददाता
कानपुर। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में गुरु तेग बहादुर साहिब के नाम पर शोध पीठ बनाए जाने को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। श्री गुरु सिंह सभा महानगर के चेयरमैन और पूर्व एमएलसी सरदार कुलदीप सिंह ने दावा किया कि विश्वविद्यालय में यह शोध पीठ स्थापित की जाएगी और इसके लिए राज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री तक से बातचीत हो चुकी है।
वहीं, कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने स्पष्ट कहा है कि इस संबंध में न तो कोई प्रस्ताव आया है और न ही ऐसी कोई प्रक्रिया शुरू की गई है।
सरदार कुलदीप सिंह ने दावा किया इस मामले को लेकर वो खुद राज्यपाल से मिलने गए थे। इसके अलावा वह इस पूरे प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री के पास भी गए थे, लेकिन वो नहीं मिले। उन्होंने मुख्यमंत्री की जगह उनके अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी से मिलकर इस पर बात की थी।
सरदार कुलदीप सिंह ने बताया कि 9 नवंबर को इस शोध पीठ की स्थापना होनी हैं। कार्यक्रम में मेहमानों में मुख्य रूप से पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के उपकुलपति डॉ. जगदीप सिंह, श्री गुरु ग्रंथ साहिब वर्ड यूनिवर्सिटी फतेहगढ़ साहब के उपकुलपति डॉ. प्रतिपाल सिंह, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से उप कुलपति व राष्ट्रपति पदक विभूषित डॉ. मनप्रीत सिंह, गुरमत कॉलेज पटियाला के प्रिंसिपल डॉ. जसबीर कौर और प्रभारी डिपार्टमेंट एनसाइक्लोपीडिया ऑफ सीखिज्म पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला से डॉ. परमवीर सिंह आ रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इसमें पंजाबी और सिंधी विषयों में एमफिल, एवं पीएचडी कार्यक्रमों की शुरुआत होगी। युवाओं में भाषा और संस्कृति के प्रति गर्व की भावनाओं को जागृत करने के लिए भाषाई डिप्लोमा एवं डिग्री पाठ्यक्रमों को प्रोत्साहित करना है।
कुलदीप सिंह ने बताया कि कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक से कई मीटिंग की गई। उन्होंने गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वीं शहीदी शताब्दी वर्षगांठ पर उक्त प्रस्तावों को लागू करने की अनुमति दे दी है।






