
संवाददाता
कानपुर। मिशन शक्ति 5.0 के तहत कानपुर नगर में एनीमिया मुक्त अभियान चला। जिले के हर हिस्से में महिलाओं और बच्चियों ने हाथों में लाल गोली लेकर भागीदारी की। स्कूलों में छात्राओं की तालियाँ बजीं तो गाँव की चौपालों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर उत्साह देखा गया। नज़ारा उत्सव जैसा रहा।
4500 केंद्रों पर एक ही दिन में 9,04,141 महिलाओं, किशोरियों और छात्राओं ने आयरन फोलिक एसिड की गोली खाई।
यह आयोजन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नरवल, डफरिन हॉस्पिटल, कांशीराम चिकित्सालय, बर्रा और गोविंदनगर के सीएचसी, घाटमपुर-बिल्हौर के पंचायत भवन, बिठूर और शिवराजपुर के आंगनबाड़ी केंद्रों सहित पूरे जिले में हुआ।
एसएन सेन बालिका इंटर कॉलेज, एचबी महिला महाविद्यालय और डीएवी कॉलेज जैसी शिक्षण संस्थाओं में भी हजारों छात्राएँ शामिल रहीं।
एसएन सेन कॉलेज से अभियान की शुरुआत जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने की। उन्होंने छात्राओं से संवाद करते हुए कहा कि मिशन शक्ति अब केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि महिलाओं के स्वास्थ्य और आत्मविश्वास को नई ताकत देने की दिशा में भी यह बड़ा कदम है।
विकास भवन में मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन के नेतृत्व में महिला कार्मिकों ने सामूहिक रूप से गोली खाई और संदेश दिया कि स्वस्थ समाज के निर्माण में महिलाओं की भूमिका सबसे अहम है।
एसीएमओ डॉ. उदयभान सिंह ने जानकारी दी कि जिले की 14 लाख महिलाओं को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है और पहले चरण में ही 9 लाख से अधिक तक पहुँचा जा चुका है। उन्होंने कहा कि एनीमिया से जूझती महिला न केवल खुद कमजोर रहती है बल्कि उसका बच्चा भी स्वस्थ नहीं रह पाता। आयरन की कमी कार्यक्षमता घटाती है और जीवनभर बीमारियाँ घेरे रहती हैं।
कांशीराम चिकित्सालय के डॉ. पीयूष मिश्रा ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वे के अनुसार 15–17 वर्ष की 57 प्रतिशत किशोरियाँ और 50 वर्ष से कम आयु की लगभग 60 प्रतिशत महिलाएँ एनीमिया से पीड़ित हैं। इस अभियान में उन्हें निशुल्क आयरन टेबलेट दी गईं, जिससे महिलाओं में जागरूकता आई।
डफरिन हॉस्पिटल की सीएमएस डॉ. रुचि जैन ने कहा कि एनीमिया मुक्त कानपुर अभियान से नया कीर्तिमान स्थापित हुआ है। 4500 केंद्रों पर 9,04,141महिलाओं, बालिकाओं को एक दिन में आयरन की गोली खिलाना गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि गर्भावस्था और प्रसव उपरांत दोनों अवस्थाओं में आयरन गोली बेहद ज़रूरी है और यह अभियान महिलाओं को स्वस्थ बनाकर परिवारों को सशक्त बनाएगा।
एनएफएचएस-5 के अनुसार उत्तर प्रदेश की आधे से ज़्यादा महिलाएँ एनीमिया से ग्रसित हैं। ऐसे में कानपुर का यह सामूहिक प्रयास पूरे प्रदेश और देश के लिए मिसाल बन गया है।
अभियान की सफलता पर जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने सीडीओ दीक्षा जैन, सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी, जेएसआई हुदा जेहरा और स्वास्थ्य, शिक्षा, पंचायत राज व आंगनबाड़ी विभाग की टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि टीम भावना और सामूहिक प्रयास से ही एनीमिया मुक्त कानपुर का सपना पूरा होगा।






