संवाददाता।
अयोध्या। प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी अब तेज होती जा रही है। अयोध्या के प्रवेश द्वार पर पहुंचते ही साफ सुथरी और चौड़ी सड़कें दिखने लगती हैं। सरयू नदी और राम की पैड़ी का सुंदरीकरण किया गया है। अयोध्या की छटा देखकर यहां आने वाले सभी श्रद्धालु चकित हो जाते हैं। शिल्पकार अरुण योगीराज ने मंदिर के पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित को भगवान का विग्रह सौंप दिया। इस दौरान उन्होंने क्षमा याचना भी की। अयोध्या में गृह प्रवेश का पहला चरण शुरू हो गया है। गुजरात से एक सौ आठ फीट लंबी धूप बत्ती भी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महंथ नृत्य गोपाल दास ने जलाई। धूपबत्ती के जलते ही श्रद्धालुओं ने जय श्रीराम के नारे लगाए। धूप बत्ती निर्माता का दावा है कि इसकी सुगंध 50 किलोमीटर दूर तक महकेगी। इसका वजन 3.610 किलो ग्राम है। इसकी चौड़ाई लगभग साढ़े तीन फीट है। इस धूपबती का निर्माण गुजरात के बड़ोदरा में हुआ है। धूपबती को बनाने में गाय का गोबर, धी, फूल और जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया गया है। अयोध्या को दुलहन की तरह सजाया जा रहा है। सफाई कर्मी को आठ- आठ घंटे के तीन शिफ्ट में रखा गया है। मुख्य आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित बनारस से अयोध्या पहुंच गए हैं। इधर, 12.36 लाख भक्तों के बनाये वस्त्र रामलला 22 जनवरी को धारण करेंगे। इन वस्त्रों को तैयार करने में पूरे नियम और निष्ठा का पालन किया गया है। इस बीच रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर राजनीतिक दलों के बीच घमासान जारी है। कई राजनीतिक दलों ने अपने को इस समारोह से अलग रखा है। भारतीय वाद्य यंत्रों से रामनगरी को गुंजायमान करने की भी तैयारी पूरी हो गई है। अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के दिन दीपावली मनाने की तैयारी भी तेज है। रामलला के आगमन को लेकर अवध विवि के 200 छात्राओं ने आठ किमी लंबी रंगोली तैयार की है।