September 8, 2024

परिवारवाद की भेंट चढता जा रहा यूपीसीए का क्रिकेट


कानपुर। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के पूर्व सचिव अपने पास संघ की समस्त पावर अपने पास सीमित रखने के लिए अपने परिवार के सदस्यों को ही आजीवन सदस्य तो बनाने में सफलता पा ही ली थी। क्रिकेट से दूर-दूर तक नाता न रखने वाले इन पारिवारिक सदस्यों के बलबूते पूर्व सचिव यूपीसीए में अपना इकबाल बुलन्द किए हुए हैं। अब क्रिकेट के महाकुम्भ जैसे इतनें बडे आयोजन के लिए भी संघ के पूर्व सचिव राजीव शुक्ला ने अपने भतीजे को आयोजन समिति का हिस्सा बनाने में गुरेज नही किया। चूंकि वह प्रदेश स्तर पर किसी भी तरह आयोजन समिति का हिस्सा नही हो सकते थे तो पूर्व सचिव ने दिल्ली में ही रहने वाले अपने भतीजे सचिन शुक्ला को संघ की ओर से जारी आयोजन समिति की जिम्मेदारी सौंपी है । पूर्व सचिव से संघ के सदस्यों के रिश्ते उजागर न हो सके उसके लिए तिकडम भिडाते हुए नाम के आगे से सरनेम ही गायब कर दिए है।जिससे किसी को पता ही न चल सके कि ये आयोजन समिति के सदस्य किसके लिए कार्य को अंजाम देने के लिए नियुक्त किए गए है। लगभग तीन साल पूर्व प्रदेश क्रिकेट संघ में आजीवन सदस्य नियुक्त किए गए परिजनों के पास तमाम अधिकार हैं। यही नही पूर्व सचिव के रिश्ते में भतीजे एक आजीवन सदस्य के रूप में संघ की सभी गतिविधियों पर पूरी नजर रख रहे हैं यही नही वह महाप्रबन्धक स्तर के अधिकारी से रोजाना शाम को दिनभर के कार्यो की पूरी रिपोर्ट तैयार कर आलाकमान को प्रेषित करने का काम भी बखूबी करते आ रहे हैं। गौरतलब है कि यूपीसीए के पूर्व सचिव के भाई और भतीजे को आजीवन संदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था लेकिन पहचान छिपाने के लिए नाम के आगे से शुक्ला शब्द ही गायब कर दिया।
जबकि ऐसा वह पूरी तरह से सम्पादित करने में नाकाम रहे। उनके फोन नम्बर और मेल आईडी को पंजीकृत रखने से परहेज नही कर सके। गौरतलब है कि लखनऊ के इकाना स्टेडियम में आयोजित होने वाले पुरुषों के क्रिकेट विश्वचकप की आयोजन समिति के लिए सदस्य के रूप में अहम जिम्मेदारी अनुभवहीन सचिन आनन्द को सौंपी गयी है जिन्हे क्रिकेट के एक भी बडे आयोजन का तजुर्बा भी प्राप्त नही है। अभी हाल ही में संघ की ओर से विश्वकप की आयोजन समिति की घोषणा की गयी है जिसमें पूर्व एपेक्स सदस्यों को भी शामिल किया गया है जिससे उनकी भी नाराजगी दूर हो सके। यूपीसीए में अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए संघ के पूर्व सचिव ने पूर्व सदस्य रह चुके लोगों के परिवारों को भी आयोजन समिति में सदस्य का तमगा दे रखा है जिससे संघ में उनके विरोध की आवाज ही न उठ सके।
पूर्व सचिव के भतीजे सचिन के नाम के आगे आनन्द लगाकर शुक्ला सरनेम ही गायब कर दिया गया है। यूपीसीए के एक पदाधिकारी ने बताया कि पूर्व सचिव के परिवार के कई लोगों को आयोजन समिति में सदस्य नियुक्त किया जाना कई नियमों की धज्जियां उडाता दिखायी दे रहा है। इस मामले को पदाधिकारियों के सामने रखकर कोशिश की जाएगी की उनकी सदस्यता निरस्त हो ताकि संघ में परिवारवाद का भेदभाव समाप्त हो सके।इस मामले में संघ के उपाध्यक्ष मोहम्मद फहीम से फोन पर बात करने की कोशिश की गयी लेकिन सफलता नही मिल सकी।
स्वंवय नही तो अपने भतीजे को आयोजन समिति का हिस्सा बनाने में सफल रहे पूर्व सचिव
-परिवारवाद की भेंट चढता जा रहा यूपीसीए का क्रिकेट
कानपुर। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के पूर्व सचिव अपने पास संघ की समस्त पावर अपने पास सीमित रखने के लिए अपने परिवार के सदस्यों को ही आजीवन सदस्य तो बनाने में सफलता पा ही ली थी। क्रिकेट से दूर-दूर तक नाता न रखने वाले इन पारिवारिक सदस्यों के बलबूते पूर्व सचिव यूपीसीए में अपना इकबाल बुलन्द किए हुए हैं। अब क्रिकेट के महाकुम्भू जैसे इतनें बडे आयोजन के लिए भी संघ के पूर्व सचिव राजीव शुक्लाख ने अपने भतीजे को आयोजन समिति का हिस्सा बनाने में गुरेज नही किया। चूंकि वह प्रदेश स्तमर पर किसी भी तरह आयोजन समिति का हिस्साक नही हो सकते थे तो पूर्व सचिव ने दिल्ली में ही रहने वाले अपने भतीजे सचिन शुक्ला को संघ की ओर से जारी आयोजन समिति की जिम्मेदारी सौंपी है । पूर्व सचिव से संघ के सदस्यों के रिश्ते उजागर न हो सके उसके लिए तिकडम भिडाते हुए नाम के आगे से सरनेम ही गायब कर दिए है।जिससे किसी को पता ही न चल सके कि ये आयोजन समिति के सदस्य किसके लिए कार्य को अंजाम देने के लिए नियुक्त किए गए है। लगभग तीन साल पूर्व प्रदेश क्रिकेट संघ में आजीवन सदस्य नियुक्त किए गए परिजनों के पास तमाम अधिकार हैं। यही नही पूर्व सचिव के रिश्ते में भतीजे एक आजीवन सदस्य के रूप में संघ की सभी गतिविधियों पर पूरी नजर रख रहे हैं यही नही वह महाप्रबन्धक स्तर के अधिकारी से रोजाना शाम को दिनभर के कार्यो की पूरी रिपोर्ट तैयार कर आलाकमान को प्रेषित करने का काम करते हैं। गौरतलब है कि यूपीसीए के पूर्व सचिव के भाई और भतीजे को आजीवन संदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था लेकिन पहचान छिपाने के लिए नाम के आगे से शुक्ला शब्द ही गायब कर दिया।
जबकि ऐसा वह पूरी तरह से सम्पादित करने में नाकाम रहे। उनके फोन नम्बर और मेल आईडी को पंजीकृत रखने से परहेज नही कर सके। गौरतलब है कि लखनऊ के इकाना स्टेकडियम में आयोजित होने वाले पुरुषों के क्रिकेट विश्वचकप की आयोजन समिति के लिए सदस्य के रूप में अहम जिम्मेडदारी अनुभवहीन सचिन आनन्द् को सौंपी गयी है जिन्हे क्रिकेट के एक भी बडे आयोजन का तजुर्बा भी प्राप्त नही है। अभी हाल ही में संघ की ओर से विश्वोकप की आयोजन समिति की घोषणा की गयी है जिसमें पूर्व एपेक्सि सदस्योंऊ को भी शामिल किया गया है जिससे उनकी भी नाराजगी दूर हो सके। यूपीसीए में अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए संघ के पूर्व सचिव ने पूर्व सदस्य रह चुके लोगों के परिवारों को भी आयोजन समिति में सदस्यन का तमगा दे रखा है जिससे संघ में उनके विरोध की आवाज ही न उठ सके।
पूर्व सचिव के भतीजे सचिन के नाम के आगे आनन्द लगाकर शुक्ला सरनेम ही गायब कर दिया गया है। यूपीसीए के एक पदाधिकारी ने बताया कि पूर्व सचिव के परिवार के कई लोगों को आयोजन समिति में सदस्य नियुक्त किया जाना कई नियमों की धज्जियां उडाता दिखायी दे रहा है। इस मामले को पदाधिकारियों के सामने रखकर कोशिश की जाएगी की उनकी सदस्यता निरस्त हो ताकि संघ में परिवारवाद का भेदभाव समाप्त हो सके।इस मामले में संघ के उपाध्याक्ष मोहम्मनद फहीम से फोन पर बात करने की कोशिश की गयी लेकिन सफलता नही मिल सकी।

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