संवाददाता।
कानपुर। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) एक प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्थान है जो छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है। हालाँकि, हाल ही में एक चिंताजनक मामला सामने आया जब छात्र परिणाम डेटा में विसंगतियाँ पाई गईं। विश्वविद्यालय की परीक्षा समिति ने मामले को संबोधित करने के लिए एक बैठक की और विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा जांच शुरू करने का निर्णय लिया। यह घटना संतोष कुमार गौड़ के मामले के इर्द-गिर्द घूमती है, जिन्होंने वर्ष 2011-15 में बीएससी की परीक्षा सफलतापूर्वक उत्तीर्ण की थी। हालाँकि, जब उन्होंने अपनी स्नातकोत्तर डिग्री के लिए आवेदन किया, तो उन्हें पता चला कि विश्वविद्यालय के आधिकारिक रिकॉर्ड से संकेत मिलता है कि वह अपनी प्रथम वर्ष की परीक्षा में असफल हो गए थे। विश्वविद्यालय के डेटा और उसकी मार्कशीट के बीच विसंगति ने विश्वविद्यालय के छात्र परिणाम डेटा की सटीकता और अखंडता पर सवाल उठाए। इस रहस्योद्घाटन के आलोक में, विश्वविद्यालय की परीक्षा समिति ने मामले पर चर्चा करने और समाधान पर पहुंचने के लिए एक तत्काल बैठक बुलाई। बैठक के दौरान मुद्दे की गंभीरता पर जोर दिया गया और यह निर्णय लिया गया कि एक बाहरी जांच निकाय, विशेष जांच दल (एसआईटी) को मामले की निष्पक्ष जांच करने का काम सौंपा जाएगा। छात्र परिणाम डेटा में विसंगतियों ने संतोष कुमार गौड़ और अन्य प्रभावित छात्रों को संकट और अनिश्चितता की स्थिति में डाल दिया है। इन छात्रों को अपनी शैक्षणिक गतिविधियों, भविष्य के कैरियर के अवसरों और भावनात्मक कल्याण के संदर्भ में संभावित परिणामों का सामना करना पड़ रहा है। विश्वविद्यालय को इस मामले को संवेदनशीलता से संभालना चाहिए, और छात्रों के शैक्षणिक और व्यक्तिगत जीवन को और अधिक नुकसान से बचाने के लिए किसी भी गलत परिणाम को तुरंत सुधारना चाहिए। एक बाहरी जांच संस्था के रूप में एसआईटी इस मामले की गहन जांच करने की जिम्मेदारी रखती है।