संवाददाता।
कानपुर। नगर में उर्सला अस्पताल में पथरी का ऑपरेशन करने के दौरान महिला के पेट में डॉक्टर ने पट्टी छोड़ दी थी। फिर दर्द होने पर महिला ने दूसरे अस्पताल में दिखाया, जहां उसके पेट के ऑपरेशन के दौरान पट्टी निकली जिसकी वजह से पेट में संक्रमण फैल जाने के कारण उसकी मौत हो गई थी। परिजनों ने कोतवाली में मामले की लिखित जानकारी दी थी, लेकिन पुलिस ने अभी तक उसमें मुकदमा नहीं दर्ज किया। वहीं, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए कानपुर जिलाधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं। यशोदा नगर के देवकी नगर निवासी राऊफ खान ने बताया कि पत्नी बुसरा बानो (40 वर्ष) के पेट में पथरी होने पर उसे उर्सला में दिखाया था। यहां पर नौ जून को डॉ. पीके मिश्रा ने ऑपरेशन किया था। ऑपरेशन के बाद पत्नी को छुट्टी दे दी गई। लेकिन पेट में दर्द बना रहने पर उसे निजी अस्पताल में दिखाया, जहां हाल में ही जांच कराने में पेट में पट्टी होने की बात सामने आई। काकादेव स्थित एक निजी हॉस्पिटल में ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने महिला के पेट से पट्टी निकली, जो संक्रमण फैला चुकी थी और उसी वजह से मेरी पत्नी की मौत कुछ देर बाद हो गई। हॉस्पिटल के डॉ. एएस सेंगर ने बताया था कि महिला के पेट से पट्टी निकली गई थी। उसने करीब दो माह पहले उर्सला में पथरी का ऑपरेशन कराया था। इसके बाद से उसे तकलीफ बनी रही। राउफ खान का आरोप है कि जिस दिन पत्नी की मौत हुई थी उसी दिन उर्सला अस्पताल के डॉक्टर के खिलाफ तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का हवाला देकर मामले को टरका दिया और अभी तक पुलिस ने मुकदमा नहीं दर्ज किया। जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर के आदेश के बाद उर्सला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक एसपी चौधरी ने इस पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की है। उन्होंने बताया कि इसमें जिस डॉक्टर ने ऑपरेशन किया है और ऑपरेशन के दौरान जो लोग मौजूद रहे हैं, उन सभी से पूछताछ की जाएगी। सभी के बयान दर्ज होंगे जो भी इसमें दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाही की जाएगी।