कानपुर मेडिकल कॉलेज में नर्से है डॉक्टर!
संवाददाता।
कानपुर। कानपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज कराने आए उन्नाव के एक 50 वर्षीय किसान की समय पर इलाज न मिलने के कारण दुखद मौत हो गई। वरिष्ठ डॉक्टर ने मरीज के परिवार की दलीलों को नहीं सुना और परिणामस्वरूप, किसान ने अपनी बीमारी के कारण दम तोड़ दिया। परिवार द्वारा डॉक्टर को बुलाने के लगातार अनुरोध के बावजूद, न तो वार्ड बॉय और न ही नर्स ने उनकी अपील पर कोई ध्यान दिया। मरीज की मौत के बाद जब परिजन हंगामा करने लगे तो उन्हें समझाने के लिए कई प्रोफेसर मौके पर पहुंचे। मृतक उन्नाव के जमील गांव का है, जो कि किसान है। उनका नाम सुरेश सिंह है वो अपनी पत्नी पप्पी सिंह, बेटी पूजा और बेटे माला, आयुष और पीयूष के साथ रहते थे। पप्पी के मुताबिक तीन दिन पहले उसके पति को खेत में काम करते समय पेट में हल्का दर्द और उसके बाद बुखार की शिकायत हुई। शुरुआत में, उन्होंने गांव के एक स्थानीय अस्पताल से परामर्श लिया, जहां से उन्हें गुरुवार को कानपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। वे दोपहर दो बजे इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे। दवा मिलने पर सुरेश को कुछ राहत महसूस हुई। हालांकि, उसी दिन शाम 5 बजे उन्हें वार्ड नंबर 13 के बेड नंबर 14 पर शिफ्ट कर दिया गया। अचानक उनका बुखार धीरे-धीरे तेज होने लगा। परिजनों का आरोप है कि इस दौरान वार्ड में मौजूद नर्स ने उनसे 1000 रुपये की दवा बाहर से खरीदने को कहा। दवाएँ देने के बाद, जब कोई सुधार नहीं हुआ, तो उन्होंने नर्स से दोबारा शिकायत की, जिसने जवाब दिया कि दवाएँ पहले ही दी जा चुकी हैं, और कुछ नहीं करना है। परिजनों के बार-बार कहने के बावजूद नर्स ने सीनियर डॉक्टर को नहीं बुलाया। किसान की मौत के बाद परिवार द्वारा हंगामा मचाने के बाद ही आखिरकार कई वरिष्ठ डॉक्टर घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने लिखित शिकायत दर्ज करने का सुझाव दिया, लेकिन तब तक परिवार मृतक के शव को वापस उन्नाव ले जा चुका था। उन्होंने कहा कि वे बाद में लिखित शिकायत दर्ज कराएंगे।