संवाददाता।
कानपुर। आजमगढ़ में एक स्कूल में बच्ची की मौत के मामले पर कानपुर शिक्षक खंड के एमएलसी राज बहादुर सिंह चंदेल ने शिक्षक की गिरफ्तारी किए जाने का विरोध करते हुए विधानसभा में मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की पहले जांच की जाए उसके बाद कार्रवाई की जाए, मगर पुलिस प्रशासन ने दबाव में आकर शिक्षकों की गिरफ्तारी करने के साथ ही उनके ऊपर 302 की धाराओं पर मुकदमा दर्ज कर दिया है, जो कि गलत है। राजबहादुर ने कहा कि आजमगढ़ की घटना में बच्ची की मौत बहुत ही दुखद है। हमारी संवेदनाएं बच्ची के परिवार के साथ हैं। मगर पुलिस ने बिना जांच करें शिक्षकों पर 302 का मुकदमा दर्ज कर स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया, क्या कोई शिक्षक बच्ची की हत्या कर सकता है? इस विषय में किसी ने नहीं सोचा। पब्लिक ने हंगामा किया तो दबाव में आकर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया, जबकि सच्चाई क्या है यह सभी जानते हैं। बच्ची के बैग से एक मोबाइल शिक्षक को मिलता है, जिसके बाद शिक्षक उस बच्ची के मां-बाप को स्कूल बुलाते हैं। इसके डर से बच्ची ऊपर से छलांग लगा देती है और उसकी मौत हो जाती है। यदि शिक्षक अपने संस्थान में शक्ति नहीं करेगा तो बच्चों को अनुशासन कैसे सिखाएगा। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से इस पूरे प्रकरण की जांच की मांग की। राज बहादुर सिंह के मुद्दा उठाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इस पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने सचिवालय से घटनाक्रम की रिपोर्ट मांगी है और एक टीम को वहां जाकर इसकी जांच करने के लिए कहा है। सतीश महाना ने कहा कि इस पूरे प्रकरण की हर बिंदु की जांच की जाएगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद कोई फैसला लिया जाएगा।आजमगढ़ के कोलटघाट निवासी छात्रा श्रेया तिवारी हरबंशपुर स्थित चिल्ड्रन सीनियर सेकेंडरी गर्ल्स स्कूल में कक्षा 11 की छात्रा थी। सोमवार को वह स्कूल से घर पढ़ने के लिए गई थी, लेकिन वहां पर संदिग्ध परिस्थितियों में तीसरी मंजिल से गिरने के कारण उसकी मौत हो गई थी, जब यह जानकारी परिजनों को लगी तो है मौके पर पहुंचे। उससे पहले स्कूल प्रशासन छात्रा को लेकर अस्पताल पहुंच गए थे, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजनों ने शिक्षकों पर हत्या व साक्ष्य मिटाने का आरोप लगाकर स्कूल में जमकर हंगामा किया था।