September 8, 2024

संवाददाता।
कानपुर। नगर को हनुमंत विहार पुलिस चौकी में पुलिस ने एक युवक को ऐसी थर्ड डिग्री दी कि उसकी मौत हो गई। परिवार को जब इसका पता चला, तो वो रोते-बिलखते थाने पर पहुंच गए। 8 घंटे तक यानी रात 1 बजे तक हंगामा चलता रहा। भीड़ इतनी थी कि संभालने के लिए 10 थाने की फोर्स बुलाई गई। पुलिस आखरी तक मुकदमा दर्ज करने में टालमटोल करती रही। बाद में दरोगा समेत 8 लोगों पर हत्या की एफआईआर हुई। ये पहला मामला नहीं है। जब कानपुर पुलिस के हाथ खून से सने हैं। इसके पहले कानपुर में ही एक व्यापारी को थाने में इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई थी। यही नहीं, कानपुर पुलिस कारोबारी को भी लूट चुकी है। बिधनू के सीढ़ी लालूपुरवा के रहने वाले दिनेश सिंह भदौरिया (40 वर्ष) किसान थे। दिनेश का हनुमंत विहार थाना क्षेत्र में 200 गज का प्लॉट है। इस प्लॉट को लेकर दिनेश का प्रीति नाम की एक महिला से विवाद चल रहा था। बुधवार को दिनेश प्लॉट पर निर्माण करवा रहे थे, तभी प्रीति 4-5 लोगों के साथ मौके पर पहुंची। उसने दिनेश से निर्माण कार्य रोकने के लिए कहा। लेकिन वह नहीं माना। इसके बाद दोनों पक्षों में पहले कहासुनी हुई। फिर मारपीट हो गई। दिनेश के पिता लाखन सिंह ने एफआईआर में कहा कि मारपीट की सूचना कुछ देर बाद पर पुलिस आ गई, चौकी प्रभारी गल्लामंडी अशोक कुमार सिंह भी आ गए। इसके बाद चौकी इंचार्ज प्रीति के साथ मिलकर प्लॉट के खाली करने का दबाव बनाने लगे, जब हम लोग नहीं माने, तो वह बोले दोनों पक्षों को पकड़कर थाने ले आए। थाने पहुंचे तो देखा कि प्लॉट पर कब्जा करने वाली प्रीति वर्मा पहले से थाने पर मौजूद थी। हम लोगों को देखते ही गाली-गलौज शुरू कर दी। इसके बाद आरोपियों ने चौकी इंचार्ज के सामने घेरकर दिनेश को पीटा। फिर चौकी इंचार्ज हमारे बेटे को ही लेकर चौकी के कमरे में चले गए और धमकाते हुए कहा कि तुमको जेल भेज देंगे। चौकी के अंदर मौजूद दरोगा, प्रीति वर्मा और उसके साथियों ने बेटे को बेहरमी से पीटा। जिससे बाद दिनेश अचेत होकर बेहोश हो गया। हम लोगों ने हाथ-पैर जोड़े। कहा कि साहब, मेरा बेटा मर जाएगा। फिर भी हम लोग बेटे को अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। दिनेश की मौत के बाद परिवार के लोग और भड़क गए। इसके बाद परिजनों ने पुलिस और प्रीती हत्या का आरोप लगाकर हनुमंत विहार थाने का घेराव कर हंगामा कर दिया। मामला बढ़ता देखकर डीसीपी साउथ रवींद्र कुमार, एडीसीपी अंकिता शर्मा और तीन एसीपी के साथ ही 10 थाने का फोर्स हनुमंत विहार थाने में तैनात कर दिया गया। इसके बाद भी भीड़ को काबू नहीं कर सकी और शव रखकर शाम 5 बजे से देर रात 1:30 बजे तक एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर अड़े रहे। रात 1:30 बजे मृतक के पिता लाखन सिंह की तहरीर पर गल्लामंडी चौकी इंचार्ज अशोक यादव, प्लॉट पर कब्जा करने वाली प्रीति वर्मा समेत 5 लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। दिनेश के भाई सौरभ भदौरिया ने बताया कि 20 साल पहले उनके भाई ने 200 गज का प्लॉट खरीदा था। 6 महीने पहले प्रीती वर्मा नाम की दबंग महिला ने प्लॉट पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे कब्जा कर लिया।  मामला कोर्ट तक पहुंचा और कोर्ट ने भी दस्तावेजों के आधार पर प्लॉट पर निर्माण कराने का आदेश दिया, लेकिन दबंग महिला चौकी इंचार्ज अशोक यादव से साठ-गांठ करके निर्माण नहीं कराने दे रही थी। कोर्ट के आदेश के बाद प्लॉट पर निर्माण कराने के दौरान ही बुधवार को दोबारा प्रीती ने झगड़ा किया था। ​​​​​​डीसीपी साउथ रवींद्र कुमार ने बताया कि दरोगा अशोक कुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया है। मामले में मुख्य आरोपी प्रीती और उसके भाइयों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद आरोपियों को जेल भेजा जाएगा। पुलिस अफसरों के मुताबिक, सीसीटीवी में में दिख रहा है कि थाने से निकलकर दिनेश चौकी पहुंचे हैं। थोड़ी देर बाद वह चौकी से बाहर जा रहे हैं, तो उनकी तबीयत बिगड़ी और फिर धीरे-धीरे जमीन पर गिर पड़े। मृतक के परिजनों का आरोप है कि तबीयत बिगड़ने के बाद थाने में मौजूद सभी पुलिसकर्मी तमाशबीन बने रहे। कोई गाड़ी भी मुहैया नहीं कराई। परिवार के लोग आनन-फानन में एक प्राइवेट गाड़ी कर धनवंतरी हॉस्पिटल और फिर कार्डियोलॉजी अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजनों का कहना है कि अगर पुलिस के पास घटना की सीसीटीवी है, तो पुलिस को सीसीटीवी दिखाने में क्या परेशानी है? आरोपी महिला प्रीती पर 17 मुकदमे दर्ज हैं। इसके बाद पुलिस उसे इतनी तरजीह क्यों दे रही थी? उसकी तहरीर पर मुकदमा भी दर्ज किया। 

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