संवाददाता।
कानपुर। बीआईसी की करीब 29 संपत्तियों को जिला प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया है। इनमें से 7 संपत्तियां को दोबारा प्रयोग में लाने के लिए जिला प्रशासन और केडीए की टीम ने सर्वे शुरू किया है। ये संपत्तियां लालइमली के पीछे, एल्गिन मिल नंबर एक, टेफ्को वीआईपी रोड पर, पुलिस कमिश्नर बंगले के पीछे व सिविल लाइंस में हैं। एसडीएम सदर अभिनव गोपाल के मुताबिक इन संपत्तियों पर प्रशासन गरीबों को आवास या कामर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने की योजना तैयार की जा रही है। इन जमीनों का सरकारी कार्यों या जनता के लिए कैसे प्रयोग में लाया जा सकता है इसकी संभावना तलाशी जा रही है। डीएम विशाख जी के मुताबिक सभी सम्पत्तियां लीज पर थीं। नजूल की जमीनें हैं, जिनकी लीज खत्म होने पर प्रशासन की हो गईं। सरकारी अभिलेखों में भी इन्हें अनावंटित सरकारी भूमि के रूप में दर्ज कर दिया गया है। यह सभी बंगले बीआईसी ने 2003 में बिल्डरों को एग्रीमेंट टू सेल कर बेच दिए थे पर उन्हें अवैध मानते हुए प्रशासन ने 2011 में उसे निरस्त कर दिया था पर लीज बीआईसी के नाम रही। अब वह खत्म हो गई हैं। जमीनों का सर्वे किया जा रहा है। इसको लेकर सर्वे रिपोर्ट जिलाधिकारी विशाख जी को सौंपी जाएगी। जिलाधिकारी तय करेंगे कि इन प्रापर्टी का क्या किया जाएगा। सातों नजूल की जमीन पर निर्माण हैं। इन संपत्तियों में लगभग 25 हजार वर्गमीटर से ज्यादा जमीन है। इनकी अनुमानित कीमत 500 करोड़ रुपए से ज्यादा है। बता दें कि बीआईसी की जमीनें बेशकीमती हैं। शहर के बीचों-बीच पॉश एरिया में स्थित हैं। इन जमीनों पर अगर आवासीय या कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जाता है तो शहरवासियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। शहर के अंदर सरकारी जमीन इतनी बड़ी मात्रा में बची भी नहीं है।