
संवाददाता।
कानपुर। नगर में जिला अस्पताल में बना दिव्यांग बोर्ड अव्यवस्थाओं का शिकार है। गुरुवार के दिन यहां दिव्यांगों के सर्टिफिकेट बनाए जाते हैं, जिसके लिए डॉक्टर जांच करते हैं। लेकिन जिला अस्पताल में बने दिव्यांग बोर्ड में कई सप्ताह से केवल एक ही डॉक्टर मौजूद है। जिसकी वजह से कई दिव्यांगजनों को बिना सर्टिफिकेट बनवा वापस लौटना पड़ रहा है। यहां तक मूलभूत सुविधाएं भी दिव्यांगजनों के लिए उपलब्ध नहीं है। इसकी शिकायत चिकित्सा अधिकारी से की जा चुकी है। राष्ट्रीय विकलांग पार्टी का कहना है कि इस मामले पर जल्द एक पत्र लिखा जाएगा, जिसमें डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग की जाएगी। गुरुवार को दिव्यांग जिला अस्पताल उर्सला में दिव्यांग बोर्ड पहुंचकर अपनी जांच करने और सर्टिफिकेट बनवाने के लिए पहुंचे। लेकिन दिव्यांगजन के लिए मूलभूत सुविधाएं यहां उपलब्ध न होने के कारण उन्होंने हंगामा कर दिया। सर्टिफिकेट बनवाने पहुंचे दिव्यांगों का कहना है कि ना ही यहां पानी की व्यवस्था है और ना ही बैठने की व्यवस्था है। राष्ट्रीय विकलांग पार्टी के महासचिव वीरेंद्र कुमार ने बताया कि पिछले कई सप्ताह से दिव्यांग बोर्ड में केवल एक ही हड्डी रोग विशेषज्ञ के डॉक्टर बैठ रहे हैं। जिसकी वजह से मूकबधिर व नेत्रहीन दिव्यांगजनों की ना तो जांच हो पा रही है और ना ही उनका सर्टिफिकेट बन पा रहा है। दिव्यांगजन यहां आते हैं और डॉक्टर ना होने की वजह से वापस लौट जाते हैं। ऐसे में चिकित्सा अधिकारी से शिकायत भी की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा जल्द ही इस मामले में ना आने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा जाएगा।