
संवाददाता।
कानपुर। नगर में इन दिनों जेके कैंसर हॉस्पिटल खुद के इलाज के लिए तरस रहा है। यहां पर करोड़ों की लागत से लगी मशीनें मरम्मत मांग रही हैं। अब धीरे-धीरे यह मशीनें खराब होती जा रही हैं। इस कारण लोगों को यहां पर इलाज नहीं मिल पा रहा है। पूरे प्रदेश में जेके कैंसर हॉस्पिटल का शीर्ष स्थान है, लेकिन हॉस्पिटल में वर्तमान की हकीकत बिल्कुल अलग है। इस हॉस्पिटल में पूरे प्रदेश के लोग अपना इलाज कराने आते है। हॉस्पिटल में मौजूद इलाज के लिए प्रमुख मशीनें ही खराब है। एमआरआई, सीटी स्कैन, एक्स रे, कोबार्ट मशीन, ब्रैकी थेरेपी मशीन खराब पड़ी है। जब यह मशीनें सही थी तो रोजाना 300 से 400 लोग लाभान्वित होते थे, मगर वर्तमान में अस्पताल बड़ी बुरी दुर्दशा से गुजर रहा है। अस्पताल में थेट्रॉन 780 रेडियोथैरेपी और बाबाट्रॉन सेकेंड रेडियो थेरेपी मशीन ही काम कर रही है, जिसमें रोजाना डेढ़ सौ से अधिक मरीज लाभान्वित हो रहे हैं।अस्पताल प्रशासन की मानें तो 2022-23 सत्र में अस्पताल को एक भी रुपये बजट नहीं मिला। किसी तरह मशीनों को चलाया गया लेकिन 2023-24 का भी अभी अभी तक कोई बजट नहीं आया, जबकि हर साल एक करोड़ का बजट शासन द्वारा पास होता है। पिछले 2 सालों से बजट ना आने के कारण अस्पताल खुद बीमार हो चुका।