संवाददाता।
कानपुर। नगर में नवाबगंज के पास स्थित जागेश्वर मंदिर का दंगल पूरे प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे भारत वर्ष में बहुत ज्यादा मशहूर है। यहां पर इस बार 305वां दंगल कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है। इसमें पूरे भारतवर्ष के पहलवान प्रतिभाग करने के लिए आ रहे हैं। 17 जुलाई को विशाल दंगल का आयोजन होगा, जिसमें भारत के अलावा नेपाल के भी पहलवान प्रतिभाग करेंगे। दंगल में प्रतिभाग करने के लिए अभी तक 150 पहलवानों ने अपना पंजीकरण करा लिया है। दंगल की खास बात है कि हर साल कुछ ना कुछ यहां के कार्यकर्ता नया करने का प्रयास करते हैं। इस बार दंगल में कानपुर केसरी चुना जाएगा, जितने भी कानपुर के पहलवान होंगे उनके बीच एक कुश्ती कराई जाएगी। फिर जो विजेता बनेगा उसे कानपुर केसरी की उपाधि देकर पुरस्कृत किया जाएगा। नगर से करीब 20 से 25 पहलवान प्रतिभाग करेंगे। श्री जागेश्वर महादेव प्रबंधक सभा के महामंत्री अवधेश ‘प्राण’ ने बताया कि इस दंगल को देखने के लिए हजारों की संख्या में यहां पर भीड़ आती है। इस कार्यक्रम में महिला पहलवान भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं। इस बार करीब 15 महिला पहलवान आ रही है। कानपुर से नेहा, खुशी पाल प्रतिभाग करेंगी। इसके अलावा झांसी की भावना, बनारस की सानिया गुप्ता, निधि सिंह, बिहार की जूही समेत कई महिला पहलवान प्रतिभाग करने आ रही है। यह महिला पहलवान पुरुष पहलवान के साथ भी कुश्ती लड़ती हैं। चैलेंजिंग कुश्ती में कई ऐसी महिला पहलवान है जो पुरुषों के साथ कुश्ती लड़ कर नारी सशक्तिकरण का बड़ा उदाहरण पेश करती हैं। अवधेश ने बताया कि यहां पर नानाराव पेशवा, चंद्रशेखर आजाद, झांसी की रानी समेत कई क्रांतिकारी कुश्ती लड़ चुके हैं। हमारे बुजुर्ग बताते हैं कि अंग्रेजों के समय में यहां पर कुश्ती देखने के लिए लोग बड़ी दूर दूर से आते थे। उन दिनों के पहलवान भी काफी अच्छे हुआ करते थे। यहां की कुश्ती लड़ने के लिए लोगों को आज भी बड़ा इंतजार रहता है। इसलिए यहां पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुड़ती है। अवधेश ने बताया कि 1945 में श्री जागेश्वर महादेव प्रबंध सभा की स्थापना हुई थी। आज से लगभग 22 साल पहले कौशल पांडेय ने अध्यक्ष पद पर अपनी सीट संभाली तो उन्होंने दंगल को बढ़ाने के लिए पहलवानों को प्रोत्साहित किया। पिछले 22 सालों से दिन पर दिन दंगल का स्वरूप बड़ा होता जा रहा है। उनके प्रयासों से ही आज यहां पर सैकड़ों की संख्या में पहलवान आते हैं। 1 अप्रैल 2021 को उनका निधन हो गया था। इस परंपरा को हम लोग आज भी चालू रखे हुए हैं। अवधेश ने बताया कि जागेश्वर मंदिर के दंगल में बड़े-बड़े पहलवान कुश्ती लड़ने आ चुके हैं। आज से करीब 10 वर्ष पूर्व दारा सिंह कुश्ती लड़ने आए थे और विजेता होकर गए थे। ऐसे पहलवानों के आने से नगर के कुश्ती खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ता है। हम लोगों का प्रयास है कि हर साल भारत वर्ष के सर्वश्रेष्ठ पहलवान यहां पर आएं और नगर के पहलवानों का उत्साह बढ़ाए।दंगल संयोजक जितेंद्र पांडेय ने बताया कि इस बार 17 जुलाई को दंगल में नेपाल के अंतरराष्ट्रीय पहलवान लकी थापा, हिमाचल प्रदेश के लाडी बाबा, राजस्थान के कालू पहलवान, जल्लाद ठाकुर जैसे पहलवान शामिल होने आ रहे हैं। लाडी बाबा एक साथ 4-4 पहलवानों से दंगल लड़ते हैं। उनके दंगल को देखने के लिए लोग काफी उत्साहित है। दंगल में लगभग 4000 से 5000 लोगों की भीड़ जुटे की। अवधेश ने बताया कि इस दंगल को बढ़ाने के लिए लोकल के पहलवानों का खास योगदान रहा है। वह बड़े-बड़े पहलवानों को यहां पर कुश्ती लड़ने के लिए आमंत्रित करते हैं। उनके बुलाने पर ही यहां पर पहलवान आते हैं। यह दंगल आज भी अपनी धरोहर को संजोए हुए हैं। साल का पहला दंगल जागेश्वर मंदिर से ही शुरू होता है। सावन के दूसरे सोमवार को यहां पर दंगल होने के बाद फिर पूरे प्रदेश में अलग-अलग दिन दंगल का आयोजन होने लगता है। कहीं पर गुड़िया वाले दिन तो कहीं रक्षाबंधन के दिन दंगल आयोजित किया जाता है।