संवाददाता।
कानपुर। स्वच्छ भारत अभियान के तहत, कानपुर की डोमनापुर ग्राम पंचायत ने घर-घर कूड़ा संग्रहण और निपटान प्रणाली लागू की है। स्वच्छता कर्मियों के अलावा स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए कचरा संग्रहण के कार्य में लगाया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य शहरी परिवेश के समान ग्रामीण क्षेत्रों में भी संगठित स्वच्छता उपायों को सुनिश्चित करना है। डोमनापुर ग्राम पंचायत में ई-रिक्शा के जरिये घरों से कूड़ा उठाया जा रहा है। ग्राम प्रधान मंजू देवी ने पहल की शुरुआत के प्रतीक के रूप में वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन की सुविधा के लिए, गाँव में कचरा डंपिंग और निपटान के लिए टीन शेड स्थापित किए गए हैं। प्लास्टिक कचरे को रीसाइक्लिंग उद्देश्यों के लिए अलग किया जाता है, जो टिकाऊ अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं में योगदान देता है। पंचायतें वर्मी-कम्पोस्ट का उत्पादन करने के लिए ठोस कचरे का उपयोग करने की भी योजना बना रही हैं, जिसे कृषि उद्देश्यों के लिए किसानों को वितरित किया जाएगा। अपशिष्ट प्रबंधन का यह व्यापक दृष्टिकोण न केवल स्वच्छता को बढ़ावा देता है बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देता है और क्षेत्र में महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करता है। शहरी क्षेत्रों के सफल अपशिष्ट प्रबंधन मॉडल का अनुकरण करके, डोमनापुर ग्राम पंचायत अन्य ग्रामीण समुदायों के लिए स्वच्छता बनाए रखने और पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए एक उदाहरण स्थापित करती है।