November 21, 2024


कानपुर। महज कागजों तक सिमटी नालों की सफाई अब शहरवासियों के लिए मुसीबत बन गई है। स्थिति यह है कि बारिश होते ही चाहे सीसामऊ नाला जब उफना जाता हैं तो कई क्षेत्र के लोगों को परेशानियों का सामना करना पडता है। सीसामऊ नाला शहर का सबसे बड़ा नाला है। इसकी सफाई भी ठीक से नहीं हुई है। नाले पर ही के साथ ही मैक्‍राबर्टगंज और खलासी लाइन में लोगों के मकानों में पानी के साथ ही जमी सिल्ट भी भर जाती है और इसे साफ करने में दिक्कत होती है। इसके चलते मैक्‍राबर्टगंज में रहने वाली जनता को भीषण गंदगी के बीच जीवन यापन करने के लिए मजबूर होना पड रहा है।
जल निगम इसको लेकर संजीदा नहीं दिखता. शहर में गंगा में नाले गिरने से रोकने के नाम पर सिर्फ खानापूति हो रही है।. गंगा में गिर रहे नाले कागज में बंद हैं, लेकिन हकीकत में कई नालों से दूषित पानी सीधे गंगा में तो जा ही रहा है वह कई क्षेत्रों में रहने वाले लोगों केे लिए मुसीबत का सबब भी बना हुआ है। तीन करोड़ लीटर से ज्यादा दूषित पानी रोजाना गंगा में रोज गिर रहा है।. सीसामऊ नाले से दूषित गिरता पानी जल निगम का फेल सिस्टम को दर्शाता है, लेकिन बहाना विभाग के द्वारा बनाया जा रहा है।.. गौरतलब है कि 28 करोड़ रुपये से सीसामऊ नाला बंद किया गया है। प्रशासन भले ही लाख दावे कर ले नालों को टैप करने के लेकिन,जमीनी हकीकत कुछ और ही बया कर रही हैं।. 126 साल पुराने सीसामऊ नाले को बंद करने की वाहवाही लूट चुकी सरकार इस तथ्य से आंखें चुरा रही है कि नाला फिर बह रहा है और पहले की तरह ही बदबू फैला रहा है।. सबसे बड़ी बात यह है कि सरकारी नालों को बंद करने के लिए पूरे सीवेज सिस्टम को बदलने में उतनी ही तोड़-फोड़ करनी पड़ेगी जितनी विश्वनाथ मंदिर परिसर में करनी पड़ी है।. शहर के बीचो बीच बसी मैक्‍राबर्टगंज कॉलोनी के बाशिंदों को इस समय गंदगी और बारिश के साथ ही सीसामऊ नाले के गिरते पानी से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसमें मुख्य रुप से घरों के अंदर भरने वाला पानी और सिल्ट। मैक्‍राबर्टगंज के क्षेत्रीय पार्षद सौरभ देव से भी कई बार शिकायत करने पर वहां की समस्या का निराकरण नहीं हो सका है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि यदि समय रहते सफाई नहीं करेंगे तो आने वाले समय में नगर निगम, जल निगम और जनप्रतिनिधियों को मुखालफत झेलनी पड़ेगी। मैक्‍राबर्टगंज के हाता नंबर 38 में रहने वाली रामदेवी और राजदुलारी ने बताया कि क्षेत्रीय पार्षद के साथ ही कई जनप्रतिनिधियों से यहां की समस्या का निराकरण करने की गुहार लगाई गई लेकिन सफलता नहीं मिल सकी है। जबकि मैक्‍राबर्टगंज के हाते में रहने वाले सचिन और सोनू ने बताया कि क्षेत्रवासियों ने शहर के मेयर प्रमिला पांडे के साथ ही जलकल विभाग के अधिकारियों को यहां की समस्या से रूबरू कराया लेकिन अभी तक किसी भी निराकरण पर गाड़ी नहीं पहुंच सकी है। इस मामले में क्षेत्रीय पार्षद से मुलाकात ना हो पाने के कारण उनका विचार प्राप्त नहीं हो सका।

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