संवाददाता।
कानपुर। नगर में जेल में बंद कैदियों से मिलने के लिए उनके परिवार वालो को पहले घंटो लाइन में लगकर मुलाकात पर्ची के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती थी फिर उसके बाद कही जाकर कैदियों से उनके परिवार वालो की मिलाई होती थी। लेकिन जेल प्रशासन के नए कदम के बाद अब कैदियो से मिलने के लिए उनके परिवार वालो को इतनी जद्दोजहद नही करनी होगी। कानपुर जेल प्रशासन ने बंदियों से मिलाई के लिए मिलने वाले अपॉइंटमेंट (मुलाकाती पर्ची) के पूरे प्रोसेस को ऑनलाइन कर दिया है। अब सिर्फ एक क्लिक पर बंदी से मिलने का ऑनलाइन अपॉइंटमेंट मिल सकेता है। बंदियों के परिजनों को अब जेल के चक्कर नहीं काटने होंगे, और रिहाई को लेकर भी रोजाना के चक्कर खत्म हो जाएंगे। नई व्यवस्था के तहत रिहा होने वाले बंदियों का नाम और समय डिस्प्ले बोर्ड पर जेल के बाहर दिखाई देगा। जेल अधीक्षक बीडी पांडेय ने बताया कि जेल में बंदियों से मिलाई को लेकर परिवार के लोगों को जेल के चक्कर काटने के साथ ही मिलाई पर्ची बनवाने के लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ती थी। आए दिन लेनदेन का भी आरोप लगता था। इसके तहत अब नई व्यवस्था के तहत बंदी से मिलाई के एप्वाइमेंट की पूरी व्यवस्था ऑनलाइन कर दी गई है। यूपी जेल की वेबसाइट पर जाकर बंदी के परिवार वाले ऑनलाइन घर बैठे जेल में बंद अपने नजदीकी से मुलाकात कर सकते हैं। जेल की वेबसाइट पर जाने के बाद माई विजिट रजिस्ट्रेशन में जाते ही एक तरफ मुलाकाती की डिटेल और फिर दूसरे फॉर्म में बंदी की डिटेल भरनी होगी। फॉर्म कम्प्लीट करते ही अपॉइंटमेंट के टाइम मिल जाएगा और आप इसका प्रिंट निकालकर निर्धारित समय पर जेल में आकर अपने नजदीकी से आसानी से मुलाकात कर सकेंगे। जबकि पहले यह व्यवस्था मैनुअल थी। जिसमे कैदियो के परिजनों को बहुत दिक्कत होती थी। दूसरे जिले से आने वाले बंदी के परिजनों को समय पूरा होने या अन्य किसी कारणवश मुलाकाती पर्ची नहीं मिल सकी तो उन्हें एक दिन कानपुर में रुकना पड़ता था फिर दूसरे दिन जेल पहुंचकर लाइन में लगकर पर्ची कटानी होती थी। इस नई व्यवस्था से जेल में बंद करीब 2800 बंदियों के परिजनों ने राहत की सांस ली है। इसके साथ ही अब पर्ची को लेकर लेनदेन वाले आरोप भी पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे। पूरी व्यवस्था ऑनलाइन, सहज और पारदर्शी हो गई है। जेल अधीक्षक ने बताया कि जेल के बाहर प्रतीक्षालय में एक डिस्प्ले बोर्ड लगा दिया गया है। इसमें रिहा होने वाले बंदियों का नाम रोजाना शाम को डिस्प्ले हो जाएगा। किस बंदी की कितने बजे रिहाई होगी यह भी लिखा रहेगा। अगर किसी बंदी की रिहाई नहीं हो पा रही है तो यह भी कारण डिस्प्ले होगा। जबकि पहले रिहाई का कोर्ट से आदेश जारी होने के बाद जेल के चक्कर काटते थे।