संवाददाता।
कानपुर। नगर में महाराजपुर के दो युवक एक कैब बुक करके देर रात उसमें एक बोरा लाद रहे थे। खून टपकने और बोरे में हरकत होने पर कैब चालक गाड़ी साइड लगाने के बहाने बैठा और भागकर महाराजपुर थाने की पुलिस को जानकारी दी। जांच के दौरान महिला और उसके दो भतीजे गायब हैं। दोनों भतीजों पर ही हत्या करके शव ठिकाने लगाने का आरोप है। पुलिस दोनों भतीजों की गिरफ्तारी और शव बरामद करने के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है भरतपुर राजस्थान निवासी दीपक कुमार ओला कैब चलाते हैं। दीपक ने मंगलवार रात करीब 2:30 बजे डायल-100 को सूचना दी कि दो युवक उन्हें बुक करके नोएडा से महोली गांव आए थे। देर रात वापस चलने की बात कही और डिक्की में दो बोरे लादने लगे। एक में तो अनाज रखा था, लेकिन दूसरे बोरे में शव जैसा कुछ रखा था। शक होने पर बोरे में देखा तो उसमें हरकत हो रही थी। एक जगह से खून भी टपक रहा था। दीपक ने मामले पूछताछ करना चाही तो दोनों गाली-गलौज करने लगे। इसके बाद दीपक गाड़ी किनारे लगाने की बात कहकर गाड़ी में बैठे और वहां से भाग निकले। इसके बाद हाईवे पर पहुंचकर पुलिस को सूचना दी। इसके बाद डायल-100 के पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे। उनकी सूचना पर देर रात महाराजपुर थाना प्रभारी अभिषेक शुक्ला और एसीपी अमरनाथ भी फोर्स के साथ जांच करने पहुंचे। लेकिन मौके पर कोई नहीं मिला। महोली गांव में जांच-पड़ताल करने पर पता चला कि करोड़ों की जमीन में अपना हिस्सा मांगने आई महिला कुसुम (55 वर्ष) और गांव में रहने वाले उसके दो भतीजे बबलू और आशू लापता है। आशंका है कि कुसुम की हत्या करके उसके भतीजे शव ठिकाने लगाना चाह रहे थे। इससे पहले ओला कैब चालक भाग निकला। दोनों भतीजों ने ही नोएडा से अपने किसी साथी या रिश्तेदार को बुलाया था। हत्याकांड की जानकारी मिलने के बाद फोरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया। जांच के दौरान महिला की टूटी हुई चूड़ियां समेत अन्य साक्ष्य मिले हैं। इससे आशंका है महिला की हत्या की गई है। कहीं पर भी खून नहीं मिला। इससे आशंका है कि गला घोंटकर हत्या की गई है। पूछताछ के दौरान संदिग्ध हत्यारोपी भतीजों की पत्नी ने हत्याकांड की बात स्वीकार की है। लेकिन बार-बार वह अपने बयान से पलट रही है।एसीपी चकेरी अमरनाथ के मुताबिक, अब तक की जांच में सामने आया है कि महाराजपुर थाना क्षेत्र के महोली गांव में रहने वाले रामचंद्र और शिव बहादुर सिंह दो भाई थे। रामचंद्र की मानसिक स्थिति ठीक न होने के चलते पत्नी कुसुम ने छोड़ दिया था। रामचंद्र गांव में ही एक अलग कमरे में रहते हैं। भाई शिव बहादुर और उनकी पत्नी का निधन हो चुका है। अब रामचंद्र के दो भतीजे बबलू और आशू परिवार के साथ रहते हैं। अब रामचंद्र की पत्नी कुसुम 25 साल बाद घर लौटी और खेत में हिस्सा मांगने लगी तो घर में तनाव की स्थिति बढ़ गई। आशंका है कि इसी के चलते भतीजों ने कुसुम की हत्याकांड को अंजाम दिया है। इसके चलते महिला और भतीजे तीनों का कोई सुराग नहीं मिल रहा है। एसीपी चकेरी ने बताया कि अमौली गांव के पास हाईवे से सटी हुई 23 बीघा जमीन पर कुसुम अपना हिस्सा मांग रही है। मौजूदा समय में जमीन की कीमत करीब 50 करोड़ रुपए है। हिस्सा नहीं देना पड़े इसके चलते भतीजों पर हत्या करने की आंशका है। भतीजों के सामने आने के बाद ही अब मामले का खुलासा हो सकेगा। फिलहाल कुसुम के परिवारीजनों को प्रतापगढ़ से बुलाया गया है।