July 1, 2025

संवाददाता।
कानपुर। बिधनू के सीढ़ी लालूपुरवा के निवासी दिनेश सिंह भदौरिया (40 वर्ष) किसान थे। दिनेश का हनुमंत विहार थाना क्षेत्र में 200 गज का प्लॉट है। इस प्लॉट को लेकर दिनेश का प्रीति नाम की एक महिला से विवाद चल रहा था। बुधवार को दिनेश प्लॉट पर निर्माण करवा रहे थे, तभी प्रीति 4-5 लोगों के साथ मौके पर पहुंची। उसने दिनेश से निर्माण कार्य रोकने के लिए कहा। लेकिन वह नहीं माना। इसके बाद दोनों पक्षों में पहले कहासुनी हुई। फिर मारपीट हो गई। दिनेश के पिता लाखन सिंह ने एफआईआर में कहा कि मारपीट की सूचना के कुछ देर बाद पुलिस आ गई, चौकी प्रभारी गल्लामंडी अशोक कुमार सिंह भी आए। इसके बाद चौकी इंचार्ज प्रीति के साथ मिलकर प्लॉट के खाली करने का दबाव बनाने लगे। जब हम लोग नहीं माने, तो वह दोनों पक्षों को पकड़कर चौकी ले आए। जब हम लोग चौकी पहुंचे तो देखा कि प्लॉट पर कब्जा करने वाली प्रीति वर्मा पहले से चौकी में मौजूद थी। उसने हम लोगों को देखते ही गाली-गलौज शुरू कर दी। इसके बाद आरोपियों ने चौकी इंचार्ज के सामने घेरकर दिनेश को पीटा। फिर चौकी इंचार्ज हमारे बेटे को ही लेकर चौकी के कमरे में चले गए और धमकाते हुए कहा कि तुमको जेल भेज देंगे। चौकी के अंदर मौजूद दरोगा, प्रीति वर्मा और उसके साथियों ने बेटे को बेहरमी से पीटा। जिससे बाद दिनेश अचेत होकर बेहोश हो गया। हम लोगों ने हाथ-पैर जोड़े। कहा कि साहब, मेरा बेटा मर जाएगा। फिर हम लोग बेटे को लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक दिनेश के छोटे भाई सौरभ ने बताया, दबंग प्रीती वर्मा और उसके भाई समेत अन्य लोग प्लॉट पर कब्जा करना चाहते थे। भाई दिनेश सिंह जब हनुमंत विहार थाना परिसर में मौजूद गल्लामंडी चौकी गए तो बिल्कुल ठीक थे, चौकी में हालत बिगड़ी और मौत हो गई। सौरभ ने कहा, “भाई की हालत बिगड़ने को पुलिस ने नाटक बताया। अस्पताल भेजने का कोई इंतजाम नहीं किया। जब तक हमने गाड़ी बुक की और अस्पताल लेकर पहुंचे भाई की मौत हो गई। प्लॉट पर कब्जा करने वाली प्रीती के पास कोई दस्तावेज नहीं है। सिर्फ एक 10 रुपए के स्टांप पर कुछ लिखा-पढ़ी लेकर घूम रही है। जबकि मेरे पास रजिस्ट्री से लेकर दाखिल खारिज तक सब कुछ है। 20 साल पहले प्लॉट खरीदा था। लेकिन पुलिस मेरा कोई दस्तावेज नहीं देख रही है। चौकी इंचार्ज भू-माफियाओं की पूरी तरह से मदद कर रहे हैं। हम लोग चौकी जाते तो बैठा लिया जाता और पैसे देने पर छोड़ा जाता था। इस प्रॉपर्टी के विवाद में पिता और हम दोनों भाइयों पर एससी/एसटी के 5 मुकदमे दर्ज करा दिए और अब जेल भिजवा दिया।” मृतक दिनेश सिंह के पिता लाखन सिंह ने बताया, “प्रीती वर्मा पुलिस से साठगांठ करके जबरन प्लॉट पर कब्जा करना चाहती थी। घटना वाले दिन चौकी इंचार्ज अशोक कुमार सिंह ने दिनेश को चौकी बुलाया और बेटे के साथ मौजूद लोगों को बाहर खड़ा कर दिया। बेटे को अकेले अंदर आने को कहा।​​​​​​​ इस दौरान चौकी के भीतर प्रीती चौकी इंचार्ज की कुर्सी के बगल बैठी थी। चौकी इंचार्ज ने धमकाते हुए कहा, प्लॉट का ताला खोल दो, बेटे ने इनकार कर दिया। इसके बाद चौकी इंचार्ज ने दिनेश को पीटना शुरू कर दिया। पुलिस की पिटाई से बेटे की मौत हो गई।” पिता ने कहा, “आज करीब 3 साल हो गए प्लॉट के विवाद को लेकर। प्रीती के पास प्लॉट का कोई दस्तावेज नहीं है। उसके पास पूरी आराजी का स्टे है। प्लॉट से कोई लेना-देना नहीं है। प्लॉट का लेखा-जोखा कुछ नहीं है। इसके बाद भी जबरन प्लॉट पर कब्जा करना चाहती थी। प्रीती ने पुलिस के साथ साजिश करके एससी/एसटी, छेड़खानी समेत अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई। दोनों बेटों के साथ मुझे भी जेल जाना पड़ा था। जबकि हम उस पर 20 साल से काबिज हैं। मेरा व्यापार चल रहा था, लेकिन इसके बाद भी जबरन कब्जा करना चाहती थी। पूरे परिवार को मुकदमे में फंसाया और जेल भिजवाया। जबकि प्रीती के पास प्लॉट का नहीं, पूरी आराजी का स्टे ऑर्डर है। लेकिन पुलिस कुछ सुनने और देखने को तैयार नहीं थी। योगी दरबार में भी मामले की शिकायत करने गए थे। मेरे दस्तावेज ले लिए गए थे और सुनवाई की बात कही थी। हमसे प्लॉटिंग का नक्शा मांगा जा रहा था। जिसने ये सोसाइटी बसाई उसके पास भी नक्शे का दस्तावेज नहीं है। इसके बाद मेरी कोई सुनवाई नहीं हुई। योगी दरबार से भी इंसाफ नहीं मिल सका। मामले में जब दिनेश सिंह की चौकी में मौत हुई तब मामला पुलिस अफसरों तक पहुंचा। इसके बाद आनन-फानन में हनुमंत विहार थाने की पुलिस हरकत में आई। एम-ब्लॉक जूही नयापुरवा निवासी प्रीति वर्मा, उसके पिता जगदेव वर्मा और भाई विनोद वर्मा को अरेस्ट कर लिया। अब शुक्रवार को तीनों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। 

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