October 18, 2024

बहुत जल्द हादी बेगम वक्फ की प्रापर्टी कब्जाकर तिजोरी लूटने वालों के और बड़े खुलासे करेगा शहर दायरा न्यूज, वक्फ माफिया के टाप अपराधियों से संबंधों की पोल भी खालेंगे  

कानपुर। महानगर के कर्नलगंज थानाक्षेत्र में ‘हादी बेगम, हजारा बेगम, सरदार बेगम वक्फ’ के नाम से कुछ सौ करोड़ से भी अधिक की जमीन, मकान और प्रापर्टी है। इस प्राॅपर्टी को छोटे मियां का हाता भी कहते हैं। इस वेशकीमती जमीन पर एक प्राचीन इमाम बारगाह, यानि एक इमामबाड़ा भी है। इसी इमामबाड़े के एक छोटे से तहखाने में एक प्राचीन तिजोरी रखी थी। इस तिजोरी में कथित तौर पर इस वक्फ संपत्ति की मालकिन हादी बेगम, उनके पति, उनकी बेटियों हजारा बेगम और सरदार बेगम की रत्न जड़ित आभूषण, हीरे जड़ी घड़ियां और कई वेशकीमती मुजस्समे रखे हुये थे। लगभग तीन वर्ष पूर्व मरम्मत और नवीनीकरण के नाम पर इमामबाड़े को तोड़ा गया। कहा जाता है कि उसी वक्त तहखाने से तिजोरी निकल पड़ी। लालची लोगों ने प्रचीन तिजोरी को भी तोड़ डाला। उसमें से निकले आभूषणों और एंटीक आईटमों को लूट लिया गया। तिजोरी से निकले करोड़ों की कीमत वाले इन वेशकीमती चीजों को लूटने की होड़ मची। लोग आपस में लड़ गये। फिर भी हर ‘लुटेरे’ के हाथ कुछ ना कुछ जरूर लगा। ‘हादी बेगम’ वक्फ की विरासत लूट ली गई। इस वक्फ संपत्ति के असली वारिस और मुतवल्ली ने शिया वक्फ बोर्ड और पुलिस में शिकायत दी। शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के आदेश पर जांच करके समिति ने रिपोर्ट में तिजोरी लूटे जाने की पुष्टि भी कर दी। पुलिस को दी गई एप्लीकेशन में तिजोरी के खजाने को लूटने वालों के नाम उजागर कर दिये गये। लेकिन कर्नलगंज पुलिस की हीलाहवाली, लापरवाही, अनदेखी और आरोपियों से कथित मिलीभगत के कारण ‘विरासत के लुटेरे’ और वक्फ संपत्ति पर कब्जा करने वाला वक्फ माफिया गिरोह खुला घूम रहा है। असली वारिसों को लगातार धमकाया जा रहा है।  

  1. शहर के छोटेमियां हाता और भैंसिया हाता स्थित करोड़ों कीमत वाली शिया वक्फ प्रापर्टी पर गैरकानूनी कब्जा करने वाले गैंग ने इमामबाड़े में रखी प्राचीन तिजोरी को लूटा
  2. वक्फ बोर्ड अध्यक्ष के आदेश पर गठित बोर्ड जांच समिति ने तिजोरी तोड़कर करोड़ें के जेवर और वेशकीमती अभूषणों की लूट की तस्दीक की
  3. कर्नलगंज थाना पुलिस ने अधिकारियों के आदेश के बावजूद दर्ज नहीं की रिपोर्ट, थाना पुलिस पर ‘लुटेरे’ वक्फ माफिया से मिलीभगत के आरोप
  4. वक्फ बोर्ड और नये मुतवल्ली बने असल वारिस की कोशिश के बाद वक्फ मफिया पर फर्जीवाड़ा करके संपत्ति पर गैरकानूनी कब्जे की रिपोर्ट दर्ज
  5. कार्रवाई होती देख झुंझलाये वक्फ माफिया और गुर्गों ने बोर्ड द्वारा नियुक्त असल मुतवल्ली पर मुहर्रम के दौरान किया जानलेवा हमला
  6. वक्फ माफिया का साथ देने में हाल में चुने गये इलाके के एक हिस्ट्रीशीटर नेता का भी नाम चर्चा में, जल्द होगा खुलासा

गम्मू खां का हाता में इनायत मंजिल, कर्नलगंज सेंट्रल के रहने वाले वयोवृद्ध जाहिद हुसैन नकवी के बड़े बेटे सैयद ऐनुल हसन नकवी वर्तमान में ‘हादी बेगम, हजारा बेगम, सरदार बेगम वक्फ’ के अधिकारिक मुतवल्ली हैं। उन्हें शिया वक्फ बोर्ड द्वारा नियुक्त किया गया है। ये वक्फ अलल औलाद है और ऐनुल हसन नकवी का परिवार रजिस्टर्ड वक्फनामे के अनुसार इस वक्फ का असल उत्तराधिकारी है। ऐनुल का आरोप है कि 2015 में क्षेत्र के ही छोटे मियां का हाता निवासी कल्वे अब्बास और मिर्जा मोहम्मद अफसर ने अपने साथियों संग वक्फ बोर्ड लखनऊ में फर्जी और कूट रचित सिजरा व कागजात दाखिल करके वक्फ को कब्जा लिया, इसके मुतवल्ली बनकर वक्फ की कीमती जायदादें बेंच डालीं। कल्वे अब्बास और मिर्जा ने वक्फ जमीन पर दर्जनों गैरकानूनी मल्टी स्टोरी इमारतें बना डालीं। हाउस टैक्स जमा नहीं किया, जो करोड़ों में बकाया हो गया, वक्फ की नीलामी की नौबत ला दी। वक्फ प्रापर्टी में अपराधियों को पनाह दी तमाम अनैतिक काम किये और करवाये। यहां तक की पुराने इमामबाड़े की बिल्डिंग को रिनोवेशन के नाम पर घ्वस्त कर डाला। यहीं पर मलबे में मिली प्राचीन तिजोरी को तोड़कर उसमें रखीं उनके पुरखों हादी बेगम, उनके पति, बेटियों आदि के हीरे-जवाहरत जड़े सोने के जेवरों, रत्न जड़ित महंगी घड़ियों, दूसरे एंटीक आईटमों को मिलकर लूट लिया। वक्फ बोर्ड में कल्वे अब्बास और मिर्जा की इन सारी गैरकानूनी हरकतों की शिकायत करने पर खुद बोर्ड अध्यक्ष ने जांच कमेटी गठित करके भौतिक सत्यापन व जांच के लिये यहां भेजा।

जांच के बाद 4 अप्रैल 2022 को वक्फ बोर्ड जांच कमेटी द्वारा ‘हादी बेगम, हजारा बेगम, सरदार बेगम वक्फ’ की रिपोर्ट जारी की गई। रिपोर्ट के निष्कर्ष में 10 बिंदुओं में साफ कहां गया है कि इमामबाड़े में रखी तिजोरी को तोड़कर उसमें रखे कीमती जेवरात को खुर्दबुर्द कर डाला गया। वक्फ संपत्ति पर रियाजुल हसन, पुत्र स्व. अबुल हसन बिना बोर्ड की अनुमति के अवैध निर्माण कर रहे हैं। बिना बोर्ड की अनुमति के संपत्ति पर मल्टी स्टोरी निमार्ण किये गये, इमामबाड़े को मनमाने ढंग से तोड़ा और बनाया गया। इनमें से कोई काम बोर्ड के अभिलेखों में दर्ज नहीं करवाया गया। वक्फनामे के अनुसार वक्फ की आय में से बड़ी कर्बला नवाबगंज कानपुर को कोई भी धनराशि नहीं दी गई। बैंक में कोई भी धनराशि जमा नहीं की जाती। किराये व आमदनी बैंक में जमा नहीं, कोई लेखाजोखा या जवाबदेही नहीं। बोर्ड व वक्फ के पट्टे के नियमानुसार किरायेदारों से किराया नहीं लिया जा रहा। इससे वक्फ की आमदनी बेहद कम हो गई। प्रबंधन की कोई बैठक कभी नहीं की गई। सब मनमाने ढंग से किया गया। इन सारी गड़बड़ियों के आरोपी कल्वे अब्बास और मिर्जा मोहम्मद अफसर ने अरोपों पर बोर्ड के नोटिसों का कोई सही जवाब नहीं दिया। इसलिये बोर्ड ने इन दोनों को तत्काल रूप से वक्फ के पदों से हटा कर कानूनी असल उत्तराधिकारी सैयद ऐनुल हसन नकवी को मुतवल्ली नियुक्त कर दिया।  

इसके बाद मुतवल्ली सैयद ऐनुल हसन की तहरीर पर और कमिश्नर के बाद पुलिस ने आरोपी कल्वे अब्बास और मिर्जा मोहम्मद अफसर के खिलाफ जांच करनी शुरू कर दी। ऐनुल का आरोप है कि अपने आप को कानून के शिकंजे में फंसता देखकर आरोपी बौखला गये और घात लगाकर उनपर मुहर्रम के दौरान हमला कर दिया। आरोप है कि उनको जान से मारने का प्रयास किया गया। इसमें भी थाना पुलिस ने अपदेखी करके उल्टे पीड़ित ऐनुल के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर लिया गया। सीसी टीवी फुटेज और अधिकारियों के दखल के बाद पोल खुली तो पुलिस ने ऐनुल पर हमला करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इसके बाद जांच के बाद 4 अगस्त को पुलिस ने कल्वे अब्बास और मिर्जा मोहम्मद अफसर के खिलाफ वक्फ में धोखाधड़ी करने के आरोप में आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 406 और 427 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर लिया है, लेकिन अभी तक गिरफ्तारिया नहीं हुई हैं। वहीं विरासत वाली तिजोरी की लूट के मामले को जांच का इंतजार है।

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