संवाददाता।
कानपुर। नगर की ट्रैफिक पुलिस का आलम ये है कि हमारा पेट भरो नही तो हम तुमहरा पेट काट लेंगे। नगर में एक ट्रैफिक इंस्पेक्टर ने एक हजार रुपए घूस नहीं देने पर 5 हजार का चालान काट दिया। जांच के दौरान सभी पेपर सही पाए गए। नंबर प्लेट में भी कोई खामी नहीं निकली तो बोला गाड़ी फतेहपुर की है। इसके चलते एक हजार तो देने पड़ेंगे। अगर नहीं दिया तो 5 हजार का चालान काट देंगे। घूस नहीं देने पर नंबर प्लेट नहीं होने का 5 हजार का चालान काट दिया। जबकि गाड़ी में नंबर प्लेट लगी थी। मामले में डीसीपी ट्रैफिक ने जांच बैठा दी है। मूल रूप से फतेहपुर औंग के रहने वाले जितेंद्र कुमार मौजूदा समय में सदानंद नगर अहिरवां चकेरी में रहते हैं। जितेंद्र ने बताया कि वह अपनी बाइक से 7 जुलाई को नौबस्ता दवा लेने जा रहे थे। देहली सुजानपुर पहुंचते ही चौराहे पर तैनात ट्रैफिक इंस्पेक्टर अशोक कुमार सिंह ने कांस्टेबल से मेरी बाइक रुकवा दी। जांच के दौरान मैंने सभी पेपर दिखा दिया। उन्हें कोई खामी नहीं मिली। इसके बाद अशोक कुमार सिंह ने वर्दी का रौब दिखाते हुए कहा कि फतेहपुर की गाड़ी कानपुर में चला रहे हो। 1 हजार रुपए तो देना पड़ेगा, नहीं तो तुम्हारा पांच हजार का चालान कटेगा। क्यों चालान कटेगा, मेरी नंबर प्लेट भी सही है। इस पर टीएसआई और भड़क गए और कहा कि तू बहुत सवाल-जवाब कर रहा है। अभी तुम्हें बताता हूं और मोबाइल से नंबर प्लेट की फोटो खींचते हुए 5 हजार का चालान काट दिया। इसके बाद जितेंद्र कुमार ने डीसीपी ट्रैफिक से टीएसआई अशोक कुमार सिंह के खिलाफ लिखित शिकायत की। उन्होंने कहा कि वसूली की रकम नहीं देने पर टीएसआई ने 5 हजार का चालान काट दिया। साक्ष्य के तौर पर उन्होंने प्रार्थना पत्र के साथ चालान की एक प्रति भी लगाई। डीसीपी ट्रैफिक रवीना त्यागी ने मामले में जांच का आदेश दिया है। इसके साथ ही चालान भी निरस्त करने का आश्वास दिया है। जितेंद्र ने बताया कि उन्होंने मामले की शिकायत डीसीपी ट्रैफिक ऑफिस में की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर पूरे ट्रैफिक विभाग की चेकिंग के नाम पर वसूली के सच को रख दिया। इसके बाद ट्रैफिक विभाग हरकत में आया और जांच बैठाने के साथ ही चालान निरस्त करने का आश्वासन दिया।