संवाददाता।
कानपुर। नगर मे सोसाइटी फॉर प्रिवेंशन एंड अवेर्नेस ऑफ डायबिटीज की ओर से 25 फरवरी को ‘श्री अन्न (मिलेट्स) की डायबिटीज नियंत्रण में भूमिका’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यशाला सिविल लाइंस स्थित मर्चेंट चैबर हॉल में आयोजित की जाएगी। यह जानकारी गुरुवार को एग्जीक्यूटिव मेंबर डॉ. ऋषि शुक्ला ने पत्रकार वार्ता के दौरान दी। यह कार्यक्रम आईएमए कानपुर व कानपुर डायबिटीज एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जाएगा। डॉ. दीपक यामनिक ने बताया कि यह कार्यक्रम इस संदर्भ में आयोजित किया जा रहा हैं कि आजकल श्रीअन्न का प्रचार, प्रसार एवं उपयोग अधिक मात्रा में होने लगा हैं। इसको सम्बोंधित करने के लिए पुणे से आहार विशेषज्ञ शिल्पा जोशी तथा लखनऊ से डॉ. नरसिंह वर्मा हिस्सा लेने के लिए आ रहे है। डॉ. नरसिंह वर्मा का व्याख्यान ‘मिलेट्स हमारा संस्कृितिक भोजन एवं इसके प्रकार’ विषय पर है। डॉ. संगीता शुक्ला ने बताया कि आज से 200 साल पहले हम लोग गेहूं एवं चावल का सेवन बहुत कम करते थे। हरित क्रांति के बाद से इन सब चीजों की बाढ़ सी आ गई है। इसके साथ ही हमारी जीवन शैली भी बदल गई है। हर दसवां व्यक्ति डायबिटीज से पीड़ित है। इंडियन स्टडीज के मुताबिक हर वर्ष 11.7 प्रतिशत मरीज डायबिटीज के बढ़ रहे है। पूरे देश में 11 करोड़ लोग मधुमेह मरीज है। 13.7 करोड़ लोग प्री मधुमेह मरीज है। उन्होंने बताया कि शिल्पा जोशी अन्न का शुगर कण्ट्रोल में क्या रोल हैं विषय पर जानकारी देंगी। ऐसा देखा गया हैं कि यदि हम अपना खान-पान परिवर्तित कर दें तो शुगर और वजन दोनों पर नियंत्रण काफी हद तक संभव है। इस कार्यक्रम में डॉ. ऋषि शुक्ला मूल विषय “माइंड सेट एंड मेडिकल न्यूट्रिशन” पर जानकारी देंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा देखा गया हैं कि मन के जीते जीत है तथा मन के हारे हार। यदि हम मन बना लें तो बहुत कुछ कर सकते हैं। हम ऐसा क्यों नहीं कर पाते इस पर भी चर्चा की जाएगी। सीताराम खत्री ने बताया कि इस कार्यक्रम का विशेष आकर्षण ‘ओपन फोरम’ रहेगा, जिससे कोई भी व्यक्ति अपने वक्ताओं से बताकर अपने मन की जिज्ञासा को शांत कर सकता है। अच्छे प्रश्न एवं कमेंट पर पुरस्कार भी दिए जाएंगे। इस कार्यक्रम में शहर के गणमान्य, चिकत्सक तथा समाज के प्रमुख लोगों को आमंत्रित किया गया है। इसका शुभारम्भ शहर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अतुल कपूर करेंगे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. संगीता शुक्ला करेंगी।