संवाददाता।
कानपुर। नगर में कानपुर देहात के चर्चित बेहमई कांड में बुधवार को कोर्ट ने आरोपियों को सजा सुनाई। बेहमई कांड सिर्फ कानपुर में ही नही पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चित कांड है। बुधवार को एंटी डकैती कोर्ट ने आरोपियों को सजा सुनाते हुए एक आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने एक आरोपी को बरी कर दिया है। बेहमई कांड के मुख्य आरोपी फूलन देवी सहित कई आरोपियों की मौत हो चुकी है। इस कांड में 1 – 2 नही पूरे के पूरे 36 लोग आरोपी थे। कोर्ट ने कारागार में बंद दो आरोपियों में से एक को सबूत के अभाव में बरी कर दिया और एक आरोपी को बेहमई कांड में दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। बेहमई कांड सिर्फ कानपुर ही नही पूरे उत्तर प्रदेश का हाई प्रोफाइल मामला था। चलिए जानते है ये है क्या बेहमई कांड ? उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में राजपुर थाना क्षेत्र के यमुना किनारे बसे बेहमई गांव में 14 फरवरी 1981 को डकैत फूलन देवी ने लाइन से खड़ा करके 20 लोगो की गोली मारकर हत्या कर दी थी। फूलन देवी ने जिन लोगो की गोली मारकर हत्या की थी उनमे सिर्फ ठाकुर थे। इस मामले ने अकेले कानपुर में ही नही पूरे देश मे खलबली मचा दी थी। कई मीडिया वाले विदेशो से आ करके कानपुर में डेरा डाल लिए थे। लेकिन इस कांड के खिलाफ कोई आवाज उठाने को तैयार नही था। तब वही गांव के ही रहने वाले राजाराम मुकदमा लिखावाने के लिए आगे आए। उन्होंने फूलन देवी और मुस्तकीम समेत 14 को नामजद कराते हुए 36 डकैतों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इस विषय पर आमजन की राय लेने पर लोगो की मिलीजुली प्रतिक्रिया रही। इटावा के व्यापारी राम प्रसाद यादव ने कहा कि वो न्यायालय के निर्णय से संतुष्ट है । त्रिलोक नारायण मिश्रा का कहना था कि देर से ही सही पर फैसला तो सही हुआ । इटावा के भूमि सिंह परिहार का कहना है कि इतने साल गुजर गए हम लोग न्याय होने की उम्मीद ही छोड़ चुके थे, गनीमत है कि न्याय तो हुआ ।