संवाददाता।
कानपुर। नगर में आईआईटी कानपुर में स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर ने वर्ल्ड एसोसिएशन फॉर स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज के सहयोग से एमएसएमई इनोवेटिव स्कीम के डिजाइन कम्पोनेन्ट पर एक दिवसीय सूचनात्मक जागरूकता कार्यक्रम की मेजबानी की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य योजना द्वारा पेश किए गए अवसरों का लाभ उठाकर एमएसएमई को सशक्त बनाना है। डिजाइन योजना एमएसएमई को डिजाइन के हर पहलू पर सहायता प्राप्त करने में मदद करेगी। यह एमएसएमई को उनके डिजाइन-संबंधित उद्देश्यों को विकसित करने और पूरा करने में सक्षम बनाता है। एमएसएमई डिजाइन योजना एमएसएमई के लिए 15 से 40 लाख रुपये तक और डिजाइन विकास में लगे छात्रों के लिए 2.5 लाख रुपये तक का अनुदान प्रदान करती है और इसकी देखरेख एसआईआईसी, आईआईटी कानपुर के प्रबंधक डॉ. रिद्धि महनसरिया द्वारा की जाती है। कार्यक्रम की शुरुआत एसआईआईसी, आईआईटी कानपुर की प्रबंधक डॉ. रिद्धि महनसरिया के व्याख्यान के साथ हुई। उन्होंने एमएसएमई इनोवेटिव योजना की क्षमता का लाभ उठाने में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की। इसके अतिरिक्त उन्होंने पिछले लाभार्थियों द्वारा बाजार में उतारे गए उन्नत उत्पादों के बारे में जानकारी दी, जिनमें फूल का स्टार्टअप, कल्चर, प्राइमरी हेल्थटेक और अन्य स्टार्टअप शामिल हैं।स्टार्ट-अप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर के प्रभारी प्रो. अंकुश शर्मा ने कहा, “हमारे एमएसएमई मंत्रालय के साथ सहयोगपूर्ण प्रयासों के माध्यम से यह कार्यक्रम प्रतिभागियों को पर्याप्त ज्ञान और संबंधित संसाधनों के साथ सशक्त करने के लिए एक आधार के रूप में काम करता है, ताकि वे अपने व्यवसायी प्रयासों को मजबूत कर सकें। मेंन्टरशिप, आधारिक संरचना, और एक परिपालन वातावरण प्रदान करके, एसआईआईसी ‘आत्मनिर्भर भारत’ के मिशन के समर्थन में योगदान करने का लक्ष्य रखता है।” कार्यकारी सचिव डॉ. संजीव लायेक और रोनी बनर्जी ने उत्पाद विकास यात्रा में डिजाइन थिंकिंग के महत्व पर चर्चा की। योजना की आवश्यकताओं को समझने और समस्या विवरणों को प्रभावी ढंग से पहचानने में एमएसएमई के लिए इसकी आवश्यक भूमिका पर प्रकाश डाला।