कानपुर। नगर में संचालित हो रहे अधिक्तर विद्यालयों में आग से सुरक्षा के लिए कोई उपाय नही है न ही अग्निशमन यंत्र लगे है। यदि विद्यालयों में कोई भी अग्निकांड होता है तो अग्नि बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र विद्यालयों के पास उपलब्ध नही है। इस विषय पर आरटीआई एक्टिविस्ट रफत महमूद ने जिला विद्यालय अधिकारी को जानकारी मांगते हुए अवगत कराया था पिछले वर्ष जिसको ध्यान में रखते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी ने नगर के सभी विद्यालयों में जाँच कराई जिसमे अनेकों विधायलों में अग्निशमन यंत्र लगाए नही गये थे। तत्पश्चात इसको अनिवार्य कर दिया गया लेकिन इसका कोई असर सुधार प्रक्रिया में नही दिखा तत्पश्चात जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जिला विद्यालय निरीक्षक से उन विद्यालयों की सूची मांगी जिनमे अभी तक अग्निशमन यंत्र नही लगे है। इसको लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक ने अग्निशमन अधिकारी को अग्निशमन प्रमाणपत्र निर्गमित करने वाले अधिकारी का नाम, मोबाइल नंबर इत्यादि जानने के लिए पत्र सौंपा। जिसके बाद जो आंकड़े खुल कर आये वो चौकाने वाले थे अग्निशमन प्रमाण पत्र पर 32 विद्यालय ऐसे थे जिनमें अभी तक अग्निशमन यंत्र नही लगाए गए है। और गहन जांच करने पर पता चलता है कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 21/6/2023 को यह अनिवार्यता के बारे में सभी विद्यालयों और अग्निशमन विभाग को सूचित करा था। परंतु अभी तक इन 32 विद्यालयों में अग्निशमन यन्त्र नही लगाए गए है। इससे साफ है कि बच्चो की सुरक्षा के साथ विद्यालय खिलवाड़ कर रहे है और अग्निशमन विभाग सहयोगी बना हुआ । जहां बच्चो की जिंदगियों को रोज़ दाव पर लगाया जाता है। यदि किसी दिन कोई घटना होती है जिसमे हज़ारो की संख्या में बच्चे घायल हो सकते है और जनहानि भी हो सकती है लेकिन कोई भी विद्यालय इस बात को नही समझ रहा है। और बच्चो की जीवन सुरक्षा के साथ लगातार खिलवाड़ कर रहा है।
संबंधित प्रकरण में छह माह गुजर जाने के बाद भी कोई कार्यवाही न होते देख रफत महमूद ने जन सूचना के माध्यम से 27 दिसंबर को अग्निशमन विभाग से जानना चाहा कि महीनो के बाद क्या कार्यवाही हुई है तो पता चलता है कि जहाँ पर बच्चे पढ़ने जाते हैं उन विद्यालयों पर ध्यान ही नही दिया जा रहा है। प्रकरण में सिर्फ 5 अस्पतालों की जांच करवाई गई। और रिपोर्ट लगा दी गयी। कुछ भृष्ट अधिकारियों के कारण हमारे ईमानदार अधिकारी भी बदनाम हो जाते हैं। अब इस प्रकरण में जिला विद्यालय अधिकारी ने स्कूलों में अग्निशमन यंत्र लगवाने के और उन्हें चेक करने का आदेश पारित किया था। लेकिन ऐसा नही किया गया बल्कि इसकी जगह अस्पतालों में चेकिंग की गई और उसमें भी सिर्फ 5 अस्पतालों का निरीक्षण किया गया। और रिपोर्ट लगा दी गयी। विद्यालयों का तो कही नाम ही नही लिया गया न कोई कार्यवाही करी गई।