December 26, 2024

संवाददाता।
कानपुर। आईआईटी कानपुर ने चाइना के बने हुए सोलर पैनल से भी उच्च स्तरीय सोलर पैनल बना लिया है। संस्थान ने सिलिकॉन की जगह पर पेरोक्साइड मटेरियल से सोलर पैनल निर्मित किया है। यह पैनल चाइना से कम से कम दस गुना सस्ते दामों पर लोगों को उपलब्ध हो सकेगा। इसके अलावा इसकी क्वालटी भी काफी बेहतर होगी। आईआईटी कानपुर के सस्टेनेबल एनर्जी इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. कंवर सिंह नलवा ने इस सोलर पैनल को तैयार किया है। उन्होंने बताया कि अभी तक जो भी सोलर पैनल तैयार किए जा रहे है वह सब चाइना से आते है। सोलर सेल को तैयार करने वाली जो प्लेट लगाई जाती है। उसका निर्माण चाइना में ही होता है। उसको सिलिकॉन से तैयार करते है। प्रो. नलवा ने बताया कि चाइना के लोग पहले रेत को प्यूरीफायर करते है। इसके बाद उससे सिलिकॉन तैयार करते है। फिर उसे मेल्ट करने बाद उसकी एक लेयर तैयार करते है। उस लेयर से ही सोलर सेल बनाते है। प्रो. नलवा ने बताया कि आईआईटी कानपुर ने सिलिकॉन को पीछे छोड़ दिया है। यदि हम सिलिकॉन को तैयार करते है तो काफी पीछे चले जाएंगे। इसलिए हमने पेरोक्साइड से सोलर सेल तैयार करने का निर्णय लिया और इस पर शोध शुरू की। इसको बनाने में हमें सफलता भी मिल गई है। पहला चरण सफल रहा है। अब हम लोग इसकी क्षमता को और मजबूत करने का काम कर रहे है। इसकी लाइफ छह माह ही होती है, लेकिन हम लोगों ने इसकी लाइफ को बढ़ाकर दो साल किया है। आगे का काम चल रहा है।उन्होंने बताया कि पेरोक्साइड तैयार करने के लिए इसमें हमने लेड, आइडीन व कार्बन हाइड्रोजन का हाइड्रो कार्बन से तैयार किया है। इसको लंबे समय तक संभालना बड़ा मुश्किल था। इसलिए इसको बनाने में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। प्रो. कंवर सिंह ने बताया कि जब पेरोक्साइड से बनाया तो सबसे पहले  देखा गया  कि इसमें तापमान का बड़ा प्रभाव पड़ता है। जरा सी ‌ठंड या जरा सी गर्मी में यह खराब हो जाता था। इस कारण हम लोगों ने सबसे पहले इसकी लाइफ को बेहतर करने के लिए शोध किया है। इसमें हम लोगों को सफलता मिल गई। इसके बाद देखा गया कि जो सिलिकॉन से बना सोलर सेल था वह करीब दो सालों चलता है, लेकिन पेरोक्साइड से बना सोलर पैनल छह माह तक ही चलता था। इसके बाद इसकी लाइफ को बढ़ाने पर काम किया तो सफलता मिली और अब यह दो साल तक काम करने लगा है। प्रो. कंवर सिंह ने कहा कि जब तक इसकी लाइफ बेहतर नहीं होगी तब तक हम इसको मार्केट में नहीं ला सकते है। इसलिए अब जो काम हो रहा है  कि इसकी लाइफ को कम से कम 10 साल तक बढ़ाना है। इसलिए इसको मार्केट में उतारने के लिए अभी पांच साल का समय और लगेगा। उन्होंने बताया कि चाइना सिलिकॉन से जो सोलर पैनल तैयार करता है, उसकी कीमत से करीब 10 गुना सस्ता पेरोक्साइड सोलर पैनल होगा। इसकी लाइफ को बेहतर करने के लिए अभी हम लोग तरह-तरह के शोध कार्य कर रहे है। उम्मीद है कि जल्द ही इसके परिणाम अच्छे देखने को मिलेंगे। हालांकि अभी सोलर पैनल बनकर तैयार हो गया है ओर सोलर सेल का निर्माण भी कर रहा है। बस उसकी लाइफ को बेहतर करने पर काम किया जा रहा है। 

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