संवाददाता।
कानपुर। नगर में अंतरिम बजट पेश किए जाने के बाद उद्यमियों ने बताया कि इस बजट से कोई खास उम्मीद नहीं थी। हालांकि बजट में देश का प्रोग्रेसिव विजन जरूर दिखा। कानपुर और यूपी की स्मॉल स्केल इंडस्ट्री को बड़ी राहत की उम्मीद जरूर लगाए बैठे थे। फिजिकल कमेटी चेयरमैन राजीव मेहरोत्रा ने बजट को लेकर बताया कि उम्मीदें बहुत ज्यादा नहीं थी। किसी भी उद्यमी के ऊपर कोई टैक्स नहीं बढ़ाया और कुछ कम भी नहीं किया। छोटे फर्म कंपनी जैसी राहत की उम्मीद कर रहे थे। हो सकता है कि इस बार नहीं मिला, तो आगे फुल बजट में राहत मिल सकती है। बजट को 10 में से 7 नंबर दूंगा। मर्चेंट चैंबर इंडस्ट्री कमेटी के चेयरमैन व उद्यमी सुशील शर्मा ने बताया कि इस बजट से उम्मीद नहीं थी, लेकिन चुनाव को लेकर उपेक्षाएं थी। एमएसएमई को लेकर उम्मीदें ज्यादा थीं। लेकिन राहत नहीं मिली। लगातार मांग कर रहे हैं कि परफॉर्मेंस बैंक गारंटी में राहत की उम्मीद थी। जेम पोर्टल पर स्लैब 20 लाख से ऊपर पर शुल्क लगता है उसमें राहत मिलने की उम्मीद थी। सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। मर्चेंट चैंबर जीएसटी कमेटी चेयरमैन व टैक्स सलाहकार संतोष कुमार गुप्ता ने बताया कि अंतरिम बजट से कोई खास उम्मीद नहीं थी। मोदी की गारंटी की झलक देखी। गाइडलाइन 2047 तक दी गई। रेलवे कॉरिडोर, गरीबों व युवाओं को प्रोत्साहन देने वाला है। एमएसएमई की माइक्रो और स्मॉल यूनिट को अधिक राहत की उम्मीद थी। 10 में से 6-7 नंबर देंगे। कानपुर इनकम टैक्स बार एसोसिएशन के महामंत्री राहुल चंद्रा के मुताबिक मूलरूप से ये एक अच्छा बजट है, जिसमें किसी को नुकसान नहीं पहुंचाने की कोशिश है, लेकिन इसमें कोई रिफॉर्म और निजीकरण भी नहीं है। अगर आप नई टैक्स प्रणाली के अंतर्गत अपना इनकम टैक्स भर रहे हैं, तो सरकार द्वारा स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 से बढ़ाकर 52,500 प्रति साल कर दिया गया है। इस बजट में इनकम टैक्स बकायेदारों को बड़ी राहत दी गई है। 2009 से 2010 तक 25 हजार तक की देनदारी को माफ किया गया है। कहा कि वर्ष 2010 से 2015 के बीच 10 हजार की देनदारी नहीं देनी होगी। इसके अलावा कॉरपोरेट टैक्स घटाकर 22 फीसदी कर दिया गया है। इस बजट को 2047 तक विकसित भारत बनाने और मेक इन इंडिया, सबका साथ सबका विकास के मंत्र को विशेष ध्यान में रखते हुए पेश किया गया है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के राष्ट्रीय सचिव पंकज अरोड़ा ने बताया कि हम इस अंतरिम बजट का स्वागत करते है। 11.1 लाख करोड़ रुपए का सबसे अधिक कैपेक्स देश के बाजारों में बड़ा व्यापार लगेगा, वहीं लॉजिस्टिक कॉरिडोर बनाने तथा रेलवे की माल ढुलाई की अधिक सक्षम बनाने से माल की आवाजाही और अधिक सरलता से होगी। अरोड़ा ने कहा कि 11.1 लाख करोड़ के खर्च से देश में विभिन्न परियोजनाओं से व्यापार बढ़ेगा। वहीं बड़े पैमाने पर रोजगार भी बढ़ेगा। कहा कि इससे विकास की गति में सुधार होगा और यह खर्च समाज में बढ़ते उत्पादन और सेवाओं की गति में सुधार के माध्यम से विकास को बढ़ावा देगा।