संवाददाता।
कानपुर। नगर में आमतौर पर सर्दियों के मौसम में घरों में हीटर या ब्लोअर का लोग इस्तेमाल अधिक करते हैं, लेकिन यह बच्चों के लिए कितना नुकसानदायक है। बच्चे बहुत कम उम्र में ही अस्थमा के मरीज हो सकते हैं। अधिक देर तक ब्लोअर या हीटर के सामने रहने से शरीर का पानी सूखता जाता है। खासतौर से बच्चों की सांस की नली में मौजूद नमी पर इसका असर होता है। इससे बच्चे अस्थमा के शिकार हो सकते हैं। कानपुर मेडिकल कॉलेज की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रूपा डालमिया सिंह ने बताया कि सर्दियों के मौसम में आमतौर पर बच्चे हो या बड़े सभी पानी का सेवन कम करते हैं। इसके अलावा सर्दी के मौसम में हीटर, ब्लोअर का सहारा भी अधिक लेते हैं। ऐसे में स्वाभाविक है कि आपके शरीर का पानी और कम हो जाएगा। इसलिए सर्दियों में भी पानी का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए। वैसे तो बंद कमरे के अंदर यह चीजे बड़े और छोटे सभी के लिए हानिकारक है। इसका प्रयोग अधिक समय तक नहीं करना चाहिए। डॉ. रूपा ने बताया कि बच्चों में अस्थमा अटैक इसलिए भी ज्यादा होता है, क्योंकि उनकी सांस नली बहुत पतली होती है और जब आप बच्चों को लगातार गर्म चीज के संपर्क में रखते हैं तो वह नली का पानी सूखने के बाद और चिपक जाती है। इसके साथ-साथ शरीर में जमा बलगम भी गले में चिपक जाता है। फिर बच्चा ठीक तरह से सांस भी नहीं ले पता है और जल्दी-जल्दी थकान को महसूस करने लगता है। डॉ. रूपा के मुताबिक अस्थमा का अटैक 11 साल के बच्चों तक में ज्यादा देखने को मिलता है, क्योंकि इसके बाद जब बच्चे धीरे-धीरे बड़े होते हैं तो उनकी एक्टिविटी भी ज्यादा होने लगती है और साथ ही साथ उनकी सांस की नली भी मोटी हो जाती है। इन दिनों मेरी ओपीडी में लगभग 7 से 10 मरीज इस तरह के आते हैं।