संवाददाता।
कानपुर। नगर के बिल्हौर थाना क्षेत्र में तैनात इंस्पेक्टर की मुख्यमंत्री से शिकायत का एक पत्र शाम को सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल किया गया। जिसमें इंस्पेक्टर पर तमाम आरोप लगाए गए हैं। पत्र में जिस नाम से दस्तखत किए गए हैं उस नाम के एक भाजपा नेता ने मामले की जांच की मांग की है। हालांकि आज़ाद समाचार ऐसे किसी पत्र की पुष्टि नहीं करता है। बिल्हौर इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह की मुख्यमंत्री से शिकायत के वायरल हुए पत्र में उन पर पीड़ित की शिकायत पर जांच करवाने की जगह पीड़ित और आरोपी दोनों पक्षों को थाने बुलाकर उनसे वसूली करने, चोरी, लूट आदि को बढ़ावा देने और खनन माफियाओं का सहयोग करने सहित तमाम भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। पत्र में शिकायतकर्ता का पता और मोबाइल नंबर दर्ज नहीं किया गया है। उसमें अंशुल वाजपेई के नाम से दस्तखत किए गए हैं। पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इस संबंध में जहां उच्च अधिकारियों ने किसी प्रकार की जानकारी से इनकार किया। वहीं इसी नाम के एक क्षेत्रीय युवा भाजपा नेता से बताया कि उनके द्वारा कोई भी शिकायत कहीं नहीं की गई है। उनके नाम से साजिश कर फर्जी दस्तखत कर विवाद की स्थिति पैदा की गई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल हुए पत्र के साथ जुड़े अपने नाम को नकारते हुए मामले की जांच किए जाने की मांग की। इस संबंध में एक शिकायती पत्र उनके द्वारा बिल्हौर थाने में भी दिया गया। वहीं एसीपी अजय त्रिवेदी के अनुसार उन्हें किसी प्रकार का कोई शिकायती पत्र प्राप्त नहीं हुआ। शिकायत सामने आने पर मामले की जांच की जाएगी।