संवाददाता।
कानपुर। नगर के हृदय रोग संस्थान कार्डियोलॉजी में इलाज कराने आई बच्ची के साथ डॉक्टर ने जांच के नाम पर छेड़खानी की। पहले तो बच्ची समझ नहीं पाई, लेकिन जब उसे लगा कि डॉक्टर जान-बूझकर गलत तरीके से हाथ लगा रहा है तो उसने यह जानकारी अपने परिजनों को दी। इसके बाद परिजनों ने इमरजेंसी विभाग में हंगामा करना शुरू कर दिया। कार्डियोलॉजी हॉस्पिटल में सोमवार शाम को 13 साल की एक लड़की अपने माता-पिता के साथ सीने में दर्द की शिकायत लेकर इमरजेंसी विभाग में आई थी। यहां पर मौजूद डॉक्टरों ने बच्ची को देखने के बाद ईसीजी कराने को कहा। परिजनों का आरोप है कि जब ईसीजी के लिए बेटी को स्ट्रेचर पर लिटाया और वहां मौजूद एक डॉक्टर ने चांज करने के नाम पर बेटी से छेड़छाड़ की। बेटी ने ईसीजी कराने से मना कर दिया। वह स्ट्रेचर से उठ गई। इसके बाद परिजनों ने जांच न कराने का कारण पूछा तो किशोरी ने डॉक्टर की हरकत के बारे में बताया। घटना के बाद किशोरी के परिजनों ने पुलिस कंट्रोल रूम में इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही स्वरूप नगर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और हंगामा कर रहे परिजनों को समझा कर शांत कराया। स्वरूप नगर इंस्पेक्टर राजेश शर्मा ने बताया कि परिजनों ने अभी डॉक्टर के खिलाफ कोई भी तहरीर नहीं दी है। यदि तहरीर मिलती है तो मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। परिजनों ने अस्पताल के निदेशक डॉ. राकेश कुमार वर्मा से भी लिखित में शिकायत की है। डॉ. राकेश कुमार वर्मा ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल घटना की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि उत्पीड़न कमेटी की अध्यक्ष प्रोफेसर माधुरी को इस पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी दी गई है। वह 48 घंटे में अपनी रिपोर्ट मुझे सौपेंगी। डॉक्टर, इमरजेंसी के स्टाफ, परिजनों और बच्ची से बातचीत की जाएगी, जो भी डॉक्टर इसमें दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल के अंदर इस तरह की घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डॉ राकेश कुमार वर्मा ने बताया कि इमरजेंसी में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे है। किशोरी कितने बजे आई, कौन-कौन डॉक्टर्स ने उसे देखा और किसने जांच की। इसके बारे में सब कुछ खंगाला जा रहा है। जांच अधिकारी की माने तो फुटेज के सामने आने के बाद काफी कुछ चीजें साफ हो जाएगी। इमरजेंसी में कई कैमरे लगे है। सभी की फुटेज गंभीरता से देखी जा रही है।