November 22, 2024

संवाददाता।
कानपुर। नगर में आईआईटी कानपुर संस्थान को वैसे तो हमेशा से ही पूर्व छात्रों से सहयोग मिलता आया है, लेकिन इस बार पूर्व छात्रों ने सबसे बड़ी रकम 8.25 करोड़ रुपये का सहयोग किया है। इससे संस्थान के छात्र-छात्राओं का भविष्य संवारा जाएगा। यह रकम वर्ष 1998 बैच के पूर्व छात्रों ने दी है, जो वर्तमान में अपना सिल्वर जुबली सम्मेलन मना रहे हैं। इन रुपयों को  संस्थान में रिसर्च, गरीब बच्चों की मदद व अन्य जरूरतों पर खर्च किया जाएगा। आईआईटी में हर वर्ष दिसंबर माह में अलग-अलग बैच का एलुमनी मीट आयोजित किया जाता है। इस वर्ष संस्थान में 1998 बैच के छात्र अपना सिल्वर जुबिली और 1984 बैच के पूर्व छात्र अपना 40वां रीयूनियन मना रहे हैं। संस्थान के निदेशक प्रो. एस गणेश ने बताया कि पूर्व छात्रों की मदद से संस्थान लगातार नए काम कर रहा है। इसमें नए-नए शोध, स्टार्टअप व अन्य चीजें शामिल है। वर्तमान में कई प्रोजेक्ट, स्कॉलरशिप, फैकल्टी चेयर भी पूर्व छात्रों के सहयोग से संचालित की जा रही है। जो सहयोग मिलता है उससे संस्थान में छात्रों के लिए जरूरी सुविधाओं को बढ़ाया जाता है। आईआईटी में गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी और यदुपति सिंघानिया सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बन रहा है। इसका निर्माण पूर्व छात्रों की मदद से किया जा रहा है। इसके निर्माण में पूर्व छात्रों ने काफी रुचि दिखाई है। करीब 600 करोड़ रुपये की इस योजना में पूर्व छात्र 250 करोड़ रुपये से अधिक धन दे चुके हैं। इसे दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में 450 से अधिक बेड वाला यदुपति सिंघानिया सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, कैंसर देखभाल व अनुसंधान के लिए 50 बिस्तर वाला केंद्र, शैक्षणिक ब्लॉक, आवास आदि होगा। राकेश गंगवाल ने 100 करोड़ रुपये, जेके ग्रुप ने 60 करोड़ रुपये, इलेक्ट्रिकल कार्पोरेशन ने 14.4 करोड़ रुपये, डॉ. देव जोनेजा ने 19 करोड़ रुपये, अनिल बंसल ने 19 करोड़ रुपये, हेमंत जालान ने 18 करोड़ रुपये, दीपक नरूला ने 6.5 लाख यूएस डॉलर, पवन तिवारी ने 5 लाख यूएस डॉलर की मदद की है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *