संवाददाता।
कानपुर। नगर में अभ्युदय योजना के तहत जिले में संचालित जेईई, नीट और यूपीएससी कक्षाओं का लाभ गरीब छात्रों को सिर्फ कागजों पर ही मिल रहा है। समाज कल्याण विभाग योजना की झूठी रिपोर्ट निदेशालय भेजकर अपनी वाहवाही लूट रहा। सीडीओ सुधीर कुमार ने छात्रों की शिकायत पर जब जांच कराई तो हकीकत कुछ और मिली। जेईई की कक्षा में सिर्फ 3 बच्चे पढ़ते मिले। जब कि रजिस्टर में 10 नामित थे। लाइब्रेरी में छात्रों को सिर्फ 2 घंटे की पढ़ने की अनुमति थी। वीएसएसडी की कक्षा में बिजली की सुविधा नहीं थी। यही नहीं छात्रों ने बताया कि कई शिक्षक ऐसे हैं जिनका प्रतियोगी परीक्षाओं से कोई लेना देना नहीं। सीडीओ ने रिपोर्ट के आधार पर समाज कल्याण अधिकारी त्रिनेत्र सिंह को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। योगी सरकार ने मुफ्त अभ्युदय कोचिंग चलाने का बीड़ा तो उठा लिया, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण गरीब बच्चों को लाभ नहीं मिल पा रहा। हालात ये हैं कि तीन वर्ष बाद भी बच्चों के बैठने के लिए सही जगह नहीं मिल सकी है।समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजना के तहत राजकीय इटंर कॉलेज परिसर इंद्रानगर में नीट, जेईई और यूपीएससी की कक्षाएं संचालित हैं। जिसमें सिविल सर्विसेज, जेईई, और नीट की मुफ्त में तैयारी करायी जाती है। लेकिन योजना का प्रचार प्रसार न होने के कारण कक्षाओं में बच्चे ही नहीं हैं। जिला पिछड़ा वर्ग अधिकारी कोमिल द्विवेदी और दिव्यांगजन अधिकारी विनय कुमार ने जांच की तो हकीकत सामने आ गई। टीम ने सबसे पहले राजकीय आश्रम पद्दति स्कूल में संचालित नीट, जेईई कक्षाओं की जांच में पाया कि दोनों की कक्षाएं एक साथ चल रही थीं। जिस शिक्षक को कक्षा लेनी थी वो गायब था उनकी जगह पर कोई दूसरा पढ़ा रहा था। यही नहीं यूपी स्पेशल की कक्षा संचालित होनी थी लेकिन इतिहास पढ़ाया जा रहा था। लाइब्रेरी खुलने का समय सुबह 10 से 12 का निर्धारित था। जिससे बच्चे पढ़ ही नहीं पा रहे हैं। वहीं जेईई मेंस के छात्रों की उपस्थित का रजिस्टर चेक किया गया तो 2 सितंबर के बाद कोई उपस्थिति ही नहीं मिली। जेईई मेंस की कक्षा में सिर्फ 3 बच्चे उपस्थित मिले। वो बच्चे आश्रम पद्दति स्कूल के ही थे। जब कि रजिस्टर में 10 छात्र नामांकित थे। वीएसएसडी कॉलेज में यूपीएससी की कक्षाएं संचालित होती हैं। जिस कक्षा में बच्चों को पढ़ाया जाता वहां पर बिजली की सुविधा नहीं है। लाइट न रहने पर कक्षा बंद हो जाती है। मामले में सीडीओ सुधीर कुमार के मुताबिक शिक्षकों को किए जा रहे भुगतान की जांच होगी। साथ ही खामियां मिलने पर समाजकल्याण अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। टीम ने छात्रों से जब फीडबैक लिया गया तो उन्होंने शिक्षकों के बारे में बताया कि जो भी कक्षाएं चलती वो तय शेड्यूल के अनुसार नहीं चलती हैं। मनमुताबिक कक्षाएं चलती हैं। जो शिक्षक पढ़ाते उनका प्रतियोगी परीक्षाओं से लेना देना नहीं। सप्ताहिक टेस्ट ऑनलाइन लिए जाते हैं जब कि नीट,जेईई की प्रवेश परीक्षा ऑफलाइन लिया जाता है।