October 15, 2025

संवाददाता।
कानपुर। जालसाजों ने पहले तो गोरखनाथ के पते पर योगी कार्पोरेशन नाम से फर्जी संस्था का रजिस्ट्रेशन कराया। फिर अपना नाम बदलकर उसके आगे योगी जोड़ लिया। इसके बाद भाजपा और योगी समर्थकों को मैसेज भेजकर उनसे लाखों की ठगी कर ली। जालसाज पहले लोगों को योगी कार्पोरेशन ग्रुप आफ इंडिया का मैसेज भेजते थे। फिर उन्हें फोन कर संस्था का पदाधिकारी बनाने या कोई बड़ा पद देने के नाम पर फोटो, आधार कार्ड और रुपए मांगते थे। रुपए मिलने के बाद उन्हें फर्जी पहचान पत्र बनाकर भेज देते थे। जालसाजों की ठगी का शिकार कानपुर के भीमसेन की रहने वाली रंजना सिंह भी हुई। रंजना भारतीय जनता पार्टी में मंडल मंत्री हैं। इसके बाद उन्होंने यहां कैंट थाने में जालसाजी का केस दर्ज कराया। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर पड़ताल शुरू की तो पूरा खेल उजागर हो गया। इसके बाद गोरखनाथ पुलिस ने इस मामले में दो जालसाजों हर्ष चौहान उर्फ योगी हर्षनाथ को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपी महाराजगंज और गाजियाबाद के रहने वाले हैं। पहले आरोपी की पहचान महराजगंज के थाना पनियारा के केदारनाथ अग्रहरी उर्फ योगी केदारनाथ के रूप में हुई है। दूसरे की पहचान गाजियाबाद के हर्ष चौहान उर्फ योगी हर्षनाथ के रूप में हुई है। पुलिस ने उनके पास से 87 फर्जी परिचय पत्र, 87 फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र, 83 फर्जी लेटर पैड, 8 विभिन्न व्यक्तियों के प्रार्थना पत्र, दो मोबाइल फोन, 8 विभिन्न व्यक्तियों के नाम से जारी फर्जी आईडी कार्ड और भाजपा का एक फर्जी परिचय पत्र भी बरामद किया है। इसमें आरोपी केदारनाथ ने खुद को प्रदेश महामंत्री लिखवाया है। कानपुर के सचंडी के गढ़ी भीमसेन की रहने वाली रंजना सिंह भारतीय जनता पार्टी में मंडल मंत्री हैं। इस मामले में उन्होंने यहां कैंट थाना में केस दर्ज कराया था। हालांकि, बाद में यह केस थाना गोरखनाथ पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया। उनका आरोप है कि एक लिंक के जरिए उन्हें योगी कार्पोरेशन ग्रुप आफ इंडिया ग्रुप का मैसेज मिला था। ग्रुप के संयोजक केदारनाथ ने फोन कर आधार कार्ड की कॉपी, फोटो और रुपए मांगा। उनको बताया गया कि उन्हें कानपुर नगर का प्रभारी बनाया जा रहा है।रंजना ने इस बात पर भरोसा करके जालसाजों को अपना डॉक्टयूमेंट्स और रुपए भेज दिए। जिसके बाद जालसाजों ने उन्हें कानपुर नगर का प्रभारी के नाम से उनका पहचान पत्र वाट्सएप ग्रुप पर भेज दिया। लेकिन, इसके कुछ दिनों बाद उन्हें इस फर्जीवाड़े की जानकारी हुई। जालसाजी की जानकारी होने पर उन्होंने गोरखपुर में केस दर्ज कराया था। केस दर्ज कर पुलिस जब मामले की छानबीन की तो पूरा मामला खुलकर सामने आ गया। पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपी केदारनाथ और हर्ष ने शपथ पत्र देकर अपने नाम के आगे योगी बढ़वा लिया। इसके बाद दोनों ने मिलकर अप्रैल महीने में संस्था का रजिस्ट्रेशन कराया और फिर जालसाजी करने लगे। ये दोनों जनता दर्शन में मुख्यमंत्री से मिलवाने के नाम पर भी लोगों से वसूली करते थे। एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया, ‘आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनके पास से 87 फर्जी परिचय पत्र समेत कई फर्जी डॉक्यूमेंट मिले हैं। भाजपा का फर्जी परिचय पत्र भी मिला है। दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। भविष्य में आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई के साथ ही उनकी संपत्ति का जब्तीकरण भी कराया जाएगा।’ 

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