संवाददाता।
कानपुर। नगर में चौक सर्राफा कारोबारी के यहां काम करने वाला कारीगर 30 लाख रुपए का सोना चोरी कर भाग निकला। पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। कारोबारी को जब मामले की जानकारी हुई तो वह सर्राफा एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ कोतवाली थाने पहुंचे और पुलिस को तहरीर दी। कारीगर का बंगाल में पता लगाया गया तो उसकी आईडी भी फर्जी निकली। कोतवाली पुलिस ने तहरीर ले ली है। इंस्पेक्टर के मुताबिक मामले में जांच की जा रही है। एफआईआर दर्ज कर आरोपित तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा। धोबी मोहाल निवासी तापस धन की चौक सर्राफा में दुकान है। उनके मुताबिक बीते सोमवार को उन्होंने नानीकुल बागची बाजार हुगली हावड़ा निवासी कारीगर प्रीतम मंडल को अपने यहां नौकरी पर रखा था। उनके यहां पहले से 7 कारीगर काम कर रहे हैं। कारोबारी के मुताबिक प्रीतम मंडल भी बाकी कारीगरों की तरह कारखाने में सोता था। शुक्रवार की सुबह 6 बजे उसने अपनी दराज व अन्य सात कारीगरों की दराज से 452 ग्राम सोना (लगभग 30 लाख) चोरी कर लिया और फरार हो गया। तापस धन के मुताबिक उसके दो मोबाइल नम्बर थे। उसपर फोन किया गया तो दोनों नम्बर बंद मिले। इंस्पेक्टर कोतवाली चन्द्रकांत मिश्रा ने बताया कि आठवें कारीगर के बारे में कारोबारी के यहां पहले से काम कर रहे कारीगर के रिश्तेदार ने बताया था जिसे यह लोग मामा बोलते हैं। हालांकि मामा को जिस कारीगर को भेजना था। वह नहीं आया। उसकी जगह पर प्रीतम मंडल आ गया। प्रीतम मंडल ने जो आधार कार्ड दिया वह नानीकुल बागची बाजार हुगली हावड़ा के पते का है। कारोबारी तापस धन भी मूल रूप से बंगाल के ही रहने वाले हैं और उनका घर भी बागची बाजार के पास ही है। वहां पर उन्होंने अपने रिश्तेदारों से सम्पर्क कर प्रीतम मंडल के बारे में जानकारी जुटाई। तो पता चला कि इस नाम का कोई व्यक्ति बताए गए पते पर नहीं रहता। साथ ही वहां यह पता भी नहीं है। इंस्पेक्टर के मुताबिक आशंका है कि आरोपित ने अपना नाम भी गलत ही बताया होगा। उसी पर फर्जी आधार कार्ड बनवाया होगा। उत्तर प्रदेश ज्वैलर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष मुकुल वर्मा और महामंत्री पुष्पेन्द्र जायसवाल ने कहा कि इस तरह की घटनाएं बहुत हो रही हैं। बजरिया क्षेत्र मे कारोबारी करोड़ों का सोना लेकर फरार हो गया। यहां थोड़े समय में तीन से चार इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। व्यापारी नेताओं ने कहा कि इससे बचने का एक ही रास्ता है पुलिस बंगाल और अन्य प्रदेशों से आए कारीगरों का वेरीफिकेशन करे और उसके बाद एसोसिएशन द्वारा उन्हें कार्ड बनाकर दिया जाएगा। जिससे ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।