संवाददाता।
कानपुर। नगर में महिला समन्वय समिति कानपुर विभाग की ओर रविवार को एचबीटीयू में स्थित शताब्दी भवन सभागार में मातृशक्ति सम्मेलन का आयोजन किया गया। प्रथम सत्र में वीना कनौजिया ने भारतीय चिंतन में महिला विषय पर उद्बोधन देते हुए कहा कि यह चिंतन पूर्णतया जीवन दर्शन, मूल्य और व्यवहार पर आधारित है। महिला समाज का बिखरता ताना-बाना पुनः एक बार शक्ति लगाकर हम सभी को व्यवस्थित करना होगा। द्वितीय सत्र में भारत के विकास में महिलाओं की भूमिका विषय पर अखिल भारतीय महिला समन्वय संयोजिका रेखा चूड़ासमा ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का विकास परिवार व्यवस्था पर आधारित है, इस व्यवस्था की धुरी महिला है। उसे जब-जब अवसर दिया गया या मिला तब-तब उसने अपना योगदान प्रत्येक क्षेत्र में सिद्ध किया है। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि सभी महिलाओं को अपनी क्षमता और स्थिति के अनुसार अपनी भागीदारी राष्ट्र कार्य में सुनिश्चित करनी चाहिए। इसी के साथ महिला संबंधी शासकीय योजनाओं की जानकारी व कानून का लाभ सभी महिलाओं तक पहुंच सके इसका भी हम सभी को मिलकर प्रयास करना है। सम्मेलन के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के नाम पर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उत्कृष्ट सेवाएं दे रही नौ विशिष्ट मातृशक्तियों को मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के नाम पर मातृशक्ति सम्मान प्रदान किया गया, जिसमें आयुर्वेदाचार्य वंदना पाठक, सीए नीतू सिंह, डॉ. शिखा कुशवाहा, प्रीति त्रिवेदी, मुदिता मिश्रा, डॉ. जय भारती, श्रद्धा शुक्ला, बिन्दु सिंह, डॉ. तनीषा को सम्मानित किया गया। सम्मेलन के अन्तिम समारोप सत्र के दौरान विभाग सम्मेलन संयोजिका डॉ. प्रियंका सिंह ने सम्मेलन का वृत्त निवेदन रखते हुए कहा कि वर्तमान में महिलाओं का विचार करते समय उनके स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कार, सहभागिता पर कार्य करना होगा। सुदृढ़, सुसंवादी और उन्नयन की आकांक्षा रखने वाला, देश के प्रति निष्ठा रखने वाला और विश्व कल्याण की मनीषा करने वाला समाज चाहिए। इस दौरान सम्मेलन में मुख्य रूप से महिला समन्वय प्रांत सहसंयोजिका डॉ. प्रियंका श्रीवास्तव, डॉ. पूनम द्विवेदी, हेमन संत, सुभाषिणी सहित अनेक महिलाएं उपस्थित रही।