संवाददाता।
कानपुर। महाराजपुर जेल में बंद सपा विधायक के वकील ने पुलिस और शासन-प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि इरफान सोलंकी केस में कोर्ट में जो सीडीआर पेश की गई है उसमें टेंपरिंग की गई है। पुलिस और शासन-प्रशासन के आदेश पर टेलीकॉम कंपनियों ने यह खेल किया है। सीडीआर का एनालिसिस करने के बाद जल्द ही पूरे मामले में खुलासा करेंगे। इरफान सोलंकी के अधिवक्ता सईद नकवी ने बताया कि बचाव पक्ष ने एक एप्लीकेशन दी थी कि सभी आरोपियों और गवाहों की कॉल डिटेल और लोकेशन मंगाई जाए। इससे कि इन सभी की लोकेशन को ट्रेस आउट किया जा सके। कोर्ट ने वो एप्लीकेशन को खारिज कर दिया था। इसके बाद हम लोगों ने हाईकोर्ट प्रयागराज में याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि इरफान और रिजवान की सीडीआर तलब कर ली जाए। आज हम लोगों को पता चला कि सीडीआर आ गई है। कोर्ट में सीडीआर देखने पर पता चला है कि लोकेशन का जो कॉलम होता है उसे गायब कर दिया है।हम लोगों ने कोर्ट से सीडीआर की एक प्रति मांगी है। उसका गहन अध्ययन के लिए कोर्ट से समय की भी मांग की है। एक बार सीडीआर का अध्ययन कर लें, फिर सारी खामियों को उजागर करेंगे। कोर्ट से कॉपी मिलने के बाद उसका अध्ययन करके अपना पक्ष रखेंगे। सरसरी तौर पर जो सीडीआर देखा है उससे लगता है कि जो टेलीकॉम कंपनियां हैं पुलिस से मिलकर या फिर शासन प्रशासन जिसके भी इशारे पर यह हुआ है। लेकिन टेंपरिंग करके सीडीआर की कॉपी भेजी गई है। इतना ही नहीं इरफान के अधिवक्ता ने कहा कि हम लोगों को केस डायरी की जो प्रति उपलब्ध कराई गई है वो भी आधी-अधूरी है। अभी तक हमें पूर्ण प्रति केस डायरी की नहीं दी गई है। केस डायरी की पूर्ण प्रति हम लोगों को मिल जाएगी तो हम लोगों को चार्ज फ्रेम होने के दौरान जो भी कहना होगा अपना पक्ष रखेंगे।माननीय न्यायलय के निर्देश पर कल कोर्ट में प्रमाणित सीडीआर कोर्ट में प्रस्तुत कर दी गई है। ये आटो जनरेटेड होता है। जैसा कि पुलिस उपायुक्त पूर्वी को यह आदेश दिया गया था कि वह इसे सुरक्षित रखेंगे और वे इसे जरूरत पड़ने पर न्यायालय में जमा करेंगे। ताे न्यायालय के समझ नियमों के अनुसार विधि के अनुरूप पूर्णतया प्रमाणित प्रति जो कंपनी ने दी है उसे उपलब्ध कराया गया है। न्यायालय की कार्यवाही में हम सभी कानूनी रूप से सही कार्यवाही करने के लिए प्रतिबंद्ध हैं।