संवाददाता।
कानपुर। नगर की रामा यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस छात्र साहिल सारस्वत के मर्डर केस की गुत्थी उलझी हुई है। 24 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। इस बीच, सोमवार सुबह कानपुर पुलिस ने फिर मौके पर जांच की। फॉरेंसिक टीम ने 100 संदिग्ध छात्रों के हाथों का बेंजाडीन टेस्ट कराया। इस केमिकल की मदद से हाथ में लगे खून के धब्बे सामने आ जाते हैं। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया, 9 छात्रों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। वहीं, हॉस्टल के 50 छात्रों से पुलिस की अलग-अलग टीम पूछताछ कर रही है। हॉस्टल के अंदर लगे 5 कैमरों की 10 घंटे की फीड को खंगाला जा रहा है। यूनिवर्सिटी के कर्मियों से भी पूछताछ की जा रही है। वहीं, छात्रों के मोबाइल और लैपटॉप की भी जांच होगी। पुलिस ने बताया कि मौत की रात हॉस्टल में जमकर नशेबाजी हुई थी। मथुरा के गांव पाली खेड़ा मनसा के रहने वाले छात्र साहिल सारस्वत उर्फ अमन कुमार कानपुर के मंधना स्थित रामा यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रहे थे। 24 नवंबर को साहिल का जन्मदिन था। इस दिन वह दोस्तों के साथ व्यस्त था। इसलिए 25 नवंबर की रात हॉस्टल के चौथे माले के कमरे के सामने दोस्तों के साथ केक काटा। रात 2 बजे तक कमरा नंबर 154 में पार्टी हुई। सुबह करीब सवा छह बजे हॉस्टल के सिक्योरिटी गार्ड जय सिंह लाइट बंद करने गए तो साहिल की लाश देखी। सिर पर गहरी चोट थी। जिससे खून रिस रहा था। आशंका जाहिर की गई थी कि किसी महिला मित्र के विवाद के चलते उसकी हत्या की गई। पुलिस ने 50 छात्रों से पूछताछ की। 25 छात्रों को हिरासत में लिया। हत्याकांड की जानकारी मिलते ही पिता बृजमोहन सारस्वत, चाचा बृजेश कुमार सारस्वत, मामा विकास सारस्वत, मामा नीरज शर्मा समेत अन्य परिवार के लोग पहुंचे। वहीं, परिजन रविवार दोपहर से लेकर रात तक थाना, चौकी और पोस्टमॉर्टम हाउस के चक्कर काटते रहे। लेकिन उन्हें बेटे का शव देखने तक को भी नहीं मिला। इसके बाद देर रात पोस्टमॉर्टम हाउस में परिवार के लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। पिता बृजमोहन सारस्वत ने कहा, “हमें कानपुर की पुलिस और डॉक्टरों पर भरोसा नहीं है। दोनों बिक गए हैं। रामा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन बहुत रसूखदार है।” हंगामा-बवाल के बाद परिवार के लोगों को शव दिखाया गया। इसके बाद देर रात पोस्टमॉर्टम हुआ और परिजन शव लेकर मथुरा रवाना हो गए। जहां अंतिम संस्कार किया गया।परिवार के लोगों ने हत्या का आरोप लगाते हुए अज्ञात छात्रों के खिलाफ बिठूर थाने में हत्या की एफआईआर दर्ज कराई है। परिजनों का कहना था कि दोपहर 3 बजे से रात 10 बज गए। उन्हें मृत बेटे का शव दिखाया नहीं गया। पिता, चाचा और मामा समेत अन्य लोगों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि दोपहर से थाने, चौकी और पोस्टमॉर्टम हाउस के चक्कर काट रहे लेकिन पुलिस क्या जांच कर रही है। बच्चे की मौत कैसे हुई…? कोई बताने और सुनने वाला नहीं है। मामा नीरज शर्मा ने कहा, “उन्होंने पुलिस कमिश्नर आरके स्वर्णकार से फोन पर बात की थी। इसके साथ ही हत्याकांड की जांच को लेकर एसआईटी की मांग रखी। उन्होंने पहले अटल घाट पर मिलने के लिए बुलाया। इसके बाद मिलने से इनकार कर दिया और उनके सामने ही पुलिस कमिश्नर का काफिला निकल गया। उन्होंने फोन पर कहा कि डिसाइड हम करेंगे कि जांच किससे करानी है। अभी तक वो पता तो कर नहीं पाए हत्या कैसे हुई। पुलिस की हर बात में झोल है। परिजन सुबह से शव देखने के लिए चक्कर काट रहे हैं।” छात्र साहिल सारस्वत का मथुरा में सोमवार को परिवार के लोगों ने अंतिम संस्कार कर दिया। परिवार के लोगों का कहना है कि वह जल्द से जल्द वापस कानपुर आकर साहिल के मर्डर केस का खुलासा करने के लिए पुलिस अफसरों से पैरवी करेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो लखनऊ में डीजीपी से भी मिलेंगे। कानपुर पुलिस सहयोग नहीं कर रही है। जांच की भी कोई जानकारी नहीं दी है। मामले की जांच की मॉनीटरिंग कर रहे ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी, डीसीपी विजय ढुल और एसीपी विकास पांडेय समेत अन्य अफसरों का कहना है कि अब तक की जांच में हत्या का कोई साक्ष्य नहीं मिला है। अब हादसे के एंगल की भी जांच चल रही है। इस बात की जानकारी परिजनों को भी दी गई है. वहीं, परिवार के लोगों ने पुलिस की जांच पर ही सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि क्राइम सीन देखकर कोई भी हादसा नहीं कह सकता है। अगर बेटा गिरकर मरा है तो झज्जे के नीचे कैसे पहुंचा। सिर पर शार्प इंजरी कैसे हुई। इस तरीके के सैकड़ों सवाल हैं। जिनके जवाब पुलिस अफसर नहीं दे सके। आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया, जांच में सामने आया है कि 25 नवंबर को हॉस्टल में मृतक साहिल ने ही बर्थ-डे पार्टी दी थी। पार्टी में हांडी वाला मटन, शराब और जमकर नशेबाजी हुई थी। सीसीटीवी फुटेज में शराब पीते छात्र दिखे हैं। इतना ही नहीं सैकड़ों सिगरेट के फिल्टर, शराब की बोतलें और अन्य सामग्री मिली हैं। इससे साफ है कि हॉस्टल में छात्र जमकर नशेबाजी करते थे। उनकी कोई निगरानी करने वाला नहीं था।