November 22, 2024

भगवान शालिग्राम व माता तुलसी का हुआ विवाह।

संवाददाता।
कानपुर। आज यानी 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी है। इस दिन चार माह से शयन कर रहे भगवान विष्णु जग जाएंगे। इसके साथ भगवान शालिग्राम व माता तुलसी का विवाह होगा। इसके साथ ही मांगलिक कार्य शुरू होंगे। वहीं, गुरुवार को ही शहर में करीब 3 हजार से ज्यादा शादियां हैं। गृहप्रवेश, यज्ञोपवीत, नामकरण, नए प्रतिष्ठान का शुभारंभ जैसे कार्य होने लगेंगे। ज्योतिषाचार्य पं. आशुतोष मिश्रा का कहना है, देवशयनी एकादशी पर 29 जून को श्रीहरि क्षीरसागर में योग निद्रा पर चले गए थे। इसके साथ विवाह आदि मांगलिक आयोजनों पर विराम लग गया था। अब आज से देवउठनी एकादशी से मांगलिक कार्य शुरू होंगे। मान्यता है कि तुलसी विवाह करने से कन्यादान के समान फल मिलता है। इसलिए यदि किसी व्यक्ति के कन्या न हो तो उसे तुलसी विवाह करके यह पुण्य जरूर पाना चाहिए। एकादशी के दिन ब्रह्ममुहूर्त में स्नान के बाद भगवान विष्णु की पूजा करके व्रत का संकल्प लें। श्री हरि की प्रतिमा या शालिग्राम के समक्ष जागने का आह्वान करें। शाम को मंदिर में 11 दीपक देवी-देवताओं के समक्ष जलाएं। संभव हो तो गन्ने का मंडप बनाकर बीच में विष्णु जी की मूर्ति या शालिग्राम जी को रखें। भगवान हरि को गन्ना, सिंघाड़ा, लड्डू, मिष्ठान, फल अर्पित करें। अगले दिन व्रत का पारण करें। देवउठनी एकादशी पर गुरुवार को होने वाली 3 हजार से ज्यादा शादियों से करीब 400 करोड़ से ज्यादा के कारोबार का अनुमान है। नवंबर के अंत तक शहर में सात से आठ हजार शादियां होनी हैं। इनके लिए शहर के सभी प्रमुख होटल, गेस्ट हाउस बुक हो चुके हैं। कानपुर होटल, गेस्ट हाउस, स्वीट्स एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुखबीर सिंह मलिक ने बताया, शहर में 300 से ज्यादा बड़े होटल और बैंक्वेट हाल हैं। पांच हजार से ज्यादा गेस्ट हाउस हैं। अलग-अलग हिस्सों में 50 से ज्यादा लॉन और कुछ रिसोर्ट हैं। शादी समारोहों के लिए लोगों में खासा उत्साह है। लोग अच्छा खर्च कर रहे हैं। एक अच्छी शादी में औसतन दस लाख का खर्च आ रहा है। ऐसे में अच्छे कारोबार का अनुमान है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *