संवाददाता।
कानपुर। यूपी में ऑपरेशन त्रिनेत्र से लगे कैमरों से लखनऊ, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट ने 60 से ज्यादा केस सॉल्व किए। वहीं कानपुर कमिश्नरेट ने एक भी केस सीसीटीवी कैमरों की मदद से सॉल्व नहीं किए। पुलिस मुख्यालय से जारी आंकड़ों से साफ है कि वहां पर या तो सीसीटीवी कैमरे सही से नहीं लगे या उनके माध्यम से कोई गुडवर्क पर काम नहीं हुआ। ये आंकड़े 10 जुलाई 2023 से अब तक के हैं। दूसरी तरफ यूपी के जोन वाइज आकंड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा सीसीटीवी से वाराणसी और उसके बाद आगरा ने घटनाओं के खुलासे किए। वहीं कानपुर, प्रयागराज और लखनऊ जोन इसमें सबसे पीछे रहे। इससे साफ है कि शातिर अपराधी अभी भी त्रिनेत्र की पकड़ से दूर हैं। ये अपराध कैमरों को चकमा देने में कामयाब हो रहे हैं या पुलिसकर्मी सीसीटीवी कैमरों पर काम करने में ट्रेंड नहीं हैं। दगप7 विजय कुमार ने बताया कि ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत प्रदेश भर में कैमरे लगवाए जा रहे हैं। 10 जुलाई 2023 से इसमें तेजी लाई गई। 10 जुलाई से अब अब 6 लाख 24 हजार 632 सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए। ऐसे में अब तक कुल 7 लाख 18 हजार 510 कैमरे लगाए जा चुके हैं। कैमरों की मदद से अब तक यूपी पुलिस ने 1355 सनसनीखेज वारदातों का खुलासा किया। इनकी मदद से डकैती के 209, हत्या के 82, अपहरण के 46, महिला संबंधी अपराध के 32, चोरी के 574 और अन्य आपराधिक घटनाओं से जुड़े 412 अपराधियों के सुराग मिले हैं। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन त्रिनेत्र के जरिए चल रहे कैमरों की मॉनिटरिंग को सरल बनाने के लिए तकनीकी सेवाएं मुख्यालय ने एक पोर्टल तैयार किया है। इस अभियान की समीक्षा रोज एडीजी रेलवे जय नारायण सिंह करते हैं।डीजीपी ने बताया कि जिलों में लगने वाले कैमरे पुलिस के लिए मददगार साबित हो रहे हैं। थाने से लेकर सड़क किनारे, बाजार, चौराहे पर कैमरे अभी भी लगवाए जा रहे हैं। कैमरों की मदद से घटनाओं का खुलासा करने में मदद भी मिल रही है।