संवाददाता।
कानपुर। उत्तर प्रदेश में भी अब प्रदूषण के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण के कारण अब बच्चों के फेफड़ों में संक्रमण फैल रहा है। खास तौर पर 1 साल से कम उम्र के बच्चों में ज्यादा दिक्कतें हो रही है। वहीं, 5 साल तक के बच्चों में सांस फूलने जैसी शिकायत आ रही है। इन दिनों ऐसे मरीजों की संख्या ओपीडी में काफी बढ़ गई है। इस विषय पर कानपुर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि बदलते मौसम ने बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया है। कानपुर मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल की ओपीडी में इन दोनों 10% बच्चे फेफड़ों से संक्रमित आ रहे हैं। यदि डॉक्टरों की माने तो मौसम में जब-जब बदलाव होता है तब तब यह संक्रमण अटैक करता है, लेकिन वर्तमान समय में प्रदूषण अधिक होने के कारण इससे बच्चे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं, क्योंकि वह घर के बाहर धूल मिट्टी में खेलते हैं और मास्क का प्रयोग भी नहीं करते हैं। इस कारण उन्हें सांस से संबंधित दिक्कतें हो रही है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि बच्चों में सांस से संबंधित शिकायत अधिक आ रही है, क्योंकि बच्चों के सांस की नली काफी छोटी होती है और बदलते मौसम के साथ-साथ उनकी सांस की नली सिकुड़ने लगती है। ऐसे में बच्चा सांस नहीं ले पता है, जब शुद्ध वायु अंदर तक नहीं पहुंचती है तो ऐसे में बच्चों को फेफड़े का संक्रमण, निमोनिया जैसी शिकायतें हो जाती हैं। इसलिए इन दिनों बच्चों का खास ख्याल रखने की जरूरत है। डॉ. संजय काला ने बताया कि जिन बच्चों को सांस से संबंधित दिक्कत है। वह धूल और धुएं से दूर रहे, जहां पर प्रदूषण अधिक है वहां पर जाने से बचे। कहीं बाहर निकल रहे हैं तो बच्चे को मास्क लगाकर ले जाए। गर्म पानी का सेवन करते रहे। डॉक्टरों के मुताबिक, अस्थमा की शुरुआती लक्षण होते हैं। सांस फूलना और जब सांस लेते हैं तो सीटी सी बजती है। बार-बार वायरस आपको अटैक कर रहा हो या फिर कोई वायरस लंबे समय तक खिंच रहा हो। खांसी में बलगम आ रहा हो तो ऐसे में अस्थमा की जांच कराना बहुत जरूरी है। यदि शुरुआती लक्षणों में ही इलाज शुरू कर दिया जाए तो इस मर्ज को खत्म भी किया जा सकता है। अस्थमा से बचना है तो इन दिनों घर से बाहर निकलते समय मास्क लगाकर निकले। प्रदूषण वाले क्षेत्र में कम जाएं। यदि अपने आसपास कहीं आग जल रही हो तो प्रयास करें कि उसके धुएं से दूर रहें। विटामिन सी वाली चीजों का सेवन अधिक से अधिक करें। मौसमी फलों का सेवन करें। दिन में कई बार गुनगुने पानी का सेवन करें। अपने फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए दिनचर्या में योगा को जरूर शामिल करें। सुबह उठकर ताजी हवा ले।