October 18, 2024

 सैकड़ो शिकायती पत्रों और पार्षदों की पैरवी, करोड़ो लगने के बाद नही निदान 

संवाददाता।
कानपुर। नगर में 120 वर्ष पुराना ऐसा नाला स्थित है जो कि पांच लाख से अधिक की आबादी के लिए आफत बना हुआ है। जो गुज़रे हुए दशकों से लोगो का आम जीवन ध्वस्त किये हुए है। वहाँ जनता के सैकड़ो शिकायती पत्रों और पार्षदों की पैरवी के बाद नगर निगम विभाग द्वारा करोड़ो रूपये के टेंडर तो किये गए। लेकिन हालत न सुधरी सब समस्या और गंभीर होती जा रही है। और विभाग लाखो लोगो के दैनिक जीवन मे पानी जिसके बिना जीवन संभव नही उस समस्या के निदान की जगह आंख कान बन्द किये बैठा है। नगर में न जाने कितने ही मेयर आए वार्ड में न जाने कितने ही पार्षद आए और विधानसभा में कितने विधायक आए। लेकिन इस नाले की गंदगी और नाले की मुसीबत से निजात नहीं दिला सके। लोग सप्लाई के पीने वाले पानी में मिले हुए नाले के पानी को पीने के लिए मजबूर है। इस वार्ड के पार्षद भी नाले से परेशान हो गए हैं। पार्षद 6 सालों से लगातार नगर निगम से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन इस मुसीबत से निपटाने का कोई रास्ता नहीं निकल सका। अब उनका कहना है कि क्षेत्र की जनता जब उनसे सवाल पूछती है, तो उनके पास इसका कोई जवाब नहीं होता है। नगर के कर्नलगंज वार्ड नंबर 97 कागजी मोहाल इलाके में आजादी के पहले से बना हुआ एक नाला बकरमंडी ढाल तक आया हुआ है। इस नाले की दशा यह है कि गंदे पानी के नाले के साथ ही पीने वाले पानी की पाइपलाइन साथ में ही पड़ी हुई है। नाले की स्थिति प्रतिदिन ऐसी हो जाती है की नाला उफना कर सड़क और नालियों को भर देता है। उसी के भीतर पीने के पानी वाली सप्लाई लाइन भी डूब जाती है। इस कारण पीने वाला पानी इलाके में सीवर की गंदगी का मिला हुआ सप्लाई होता है। लोगों ने बताया कि आजादी के वक्त में बना यह नाला पहले ठीक काम करता था। लेकिन जैसे-जैसे यहां आबादी बढ़ी नाला उफनाने लगा। पिछले कई सालों से लगातार यहां गंदा पानी सप्लाई हो रहा है। वार्ड 97 के पार्षद पति हाजी अमीम ने बताया कि इससे पहले वह खुद इस वार्ड से पार्षद थे। वर्तमान में उनकी पत्नी यहां से पार्षद हैं। उन्होंने बताया कागजी मोहाल डॉट नाला चार वार्डो को प्रभावित करता है जिनमें वार्ड 97 वार्ड 03 वार्ड 110 और 109 इससे निजात दिलाने के लिए अपने कार्यकाल में बहुत जद्दोजहद की। लेकिन कोई परिणाम नहीं मिला। नमामि गंगे योजना के तहत करोड़ों रुपए खर्च करके यहां टीम भी लगाई गई थी। लेकिन टीम अधूरा काम करके चली गई और नाले की स्थिति जस की तस रह गई। उनका यह कहना है कि जनता उनसे सवाल पूछती लेकिन जवाब नहीं दे पाते हैं, लेकिन लगातार उनके प्रयासों के बावजूद इस नाले को लेकर कोई निष्कर्ष नगर निगम के द्वारा नहीं निकाला जा रहा है। इलाके की जनता सीवर का गंदा पानी पीने को मजबूर है। पार्षद पति हाजी अमीन ने कहा कि इस नाले को बंद कर दिया जाना चाहिए। इसकी जगह सफी होटल से लेकर बकरमंडी ढाल तक एक नए नाले का निर्माण कराया जाना चाहिए। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *