संवाददाता।
कानपुर। आईआईटी कानपुर ने 13.76% के असाधारण प्रौद्योगिकी ट्रांसलेशन प्रतिशत के साथ अपनी उत्कृष्ट बौद्धिक संपदा अधिकार गतिविधियों के माध्यम से एक बेंचमार्क स्थापित किया है। अब तक आईआईटी कानपुर में दाखिल और स्वीकृत किए गए आईपीआर की संख्या 1,000 से अधिक फाइलिंग और 400 से अधिक स्वीकृत पेटेंट आईपीआर हो चुकी है। संस्थान के कार्यवाहक निदेशक प्रो. एस गणेश ने कहा कि “आईआईटी कानपुर की 1,000 से अधिक फाइलिंग को पार करने और 400 से अधिक पेटेंट हासिल करने की उपलब्धि इसके विश्व स्तरीय संकाय, शोधकर्ताओं और नवप्रवर्तकों के अटूट समर्पण और अथक प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह मील का पत्थर ज्ञान को आगे बढ़ाने और नवाचार की सीमाओं को आगे बढ़ाने में संस्थान की उत्कृष्टता की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।” अनुसंधान और विकास विभाग के डीन प्रो. तरुण गुप्ता ने कहा कि “इस उपलब्धि में संकाय और छात्रों दोनों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आईआईटी कानपुर में आईपीआर सेल की स्थापना वर्ष 2000 में पेटेंट की सुविधा के प्राथमिक लक्ष्य के साथ की गई थी। संस्थान के भीतर किए गए अनुसंधान और विकास प्रयासों की सुरक्षा के लिए फाइलिंग और रखरखाव ने सराहनीय बेंचमार्क में योगदान दिया है।उन्होंने कहा कि ईपीआर सेल प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और लाइसेंसिंग पहल के लिए आईआईटी कानपुर को उद्योग भागीदारों के साथ जोड़ने वाले एक मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है। संस्थान ने कुछ विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को लाइसेंस दिया है, जिन्होंने समाज पर एक बड़ा प्रभाव डाला है, जैसे ‘भू परीक्षक’, एग्रोनक्स्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को लाइसेंस प्राप्त एक पोर्टेबल मिट्टी परीक्षण उपकरण, जो 1 लाख मिट्टी परीक्षण नमूनों का परीक्षण कर सकता है। इसने लॉन्च के बाद पहले वर्ष के दौरान 1 मिलियन से अधिक किसानों की मदद की। प्रो. तरुण गुप्ता ने बताया कि कुछ अन्य उल्लेखनीय उत्पादों में चेको शामिल है, जो एक जालसाजी विरोधी समाधान है जो नकली उत्पादों की पहचान करने में मदद करता है। इसे ट्रांसपैक टेक्नोलॉजीज को लाइसेंस दिया गया है। कन्वर्टिबल स्कूल बैग के पेटेंट डिजाइन को इनोवेटर्स प्राइवेट लिमिटेड को लाइसेंस दिया गया है। इससे भारत के 20 राज्यों में 5,50,000 से अधिक छात्र ग्राहक लाभान्वित हुए हैं। उन्होंन् बताया कि आईपी निर्माण की कुछ चुनौतियों पर काबू पाने के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम और कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं। कार्यालय तकनीकी हस्तांतरण गतिविधियों और आईआईटी कानपुर में विकसित प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण का प्रबंधन भी करता है। इसमें संस्थान जनता के लाभ के लिए नवाचारों को बढ़ावा देने और लाइसेंस देने और देश में मौजूदा चुनौतियों पर काबू पाने में मदद करता है।