November 22, 2024

-टीम भाई के कई एजेन्ट अब खिलाडियों के सीधे सम्पर्क में

कानपुर! उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सचिव के निजी सचिव का बढ़ता रुतबा, दबाव और प्रभाव अभी भी प्रदेश के क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक अबूझ पहेली बना हुआ है। अब उसके एजेन्टों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है। उत्तर प्रदेश की क्रिकेट टीम की चयन प्रक्रिया में गहरी मध्यस्थता रखने वाले पूर्व सचिव के निजी सचिव अपने एजेंटों की टीम के सहारे शायद पैसा कमाने में खास मशगूल दिखाई देते हैं। उनके एजेन्ट खिलाड़ियों को टीम में स्थान दिलाने के लिए चयनकर्ताओं के साथ मिलकर अब क्रिकेटरों को अभ्यास मैच खिलवाने तक के रुपए भी तय कर दिए हैं। यूपीसीए के भीतर भाई के नाम से मशहूर पूर्व सचिव के निजी सचिव के एजेंट अपना काम बखूबी कर रहे हैं। अब इस कड़ी में नगर के एक चमडा व्यवसायी का नाम नए एजेंट के रूप में सामने आ गया है यही नही उनका एक आडियो भी वायरल हो चुका है जिसमें वह किसी क्रिकेटर के अभिवावक से उसको टीम में खिलवाने के लिए सेंटिग की बात कहते सुनाई दे रहे हैं। आडियो में दोनों के बीच एक खिलाडी को दो अभ्यास मैच खिलवाने के लिए 6 लाख रुपए का भुगतान करने की बात कही जा रही इसके बाद अगर उसका चयन हो जाता है तो फिर आगे की सेंटिंग 30 से 35 लाख के बीच शुरु होने की कवायद कही जा रही है। यूपीसीए के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार क्रिकेटरों को प्रदेश की मुख्य टीम में शामिल करवाने के एवज कम से कम 30 लाख रुपए की डील शुरु हो चुकी है। सबसे दिलचस्प ये है कि जिस खिलाडी से पैसा लिया जाएगा उसको टीम में दो से तीन साल के बाद ही मुख्य टीम में स्थान दिया जाएगा। यूपीसीए के सूत्रों के एजेन्टों को निदेशक पद के एक अधिकारी की निकटता का फायदा उठाते हुए भाई से नजदीकी बढ़ाई जिसका साथ प्रदेश के लिए खेल चुके कुछ स्टार क्रिकेटरों ने भी दे दिया है। इस मामले में संघ के सीईओ अंकित चटर्जी का भी नाम इसलिए शामिल माना जा सकता है क्योंकि वह दिल्ली से भाई के लाए हुए सख्श हैं और वह उनके बेहद करीबी भी हैं। यही नही गौरतलब है कि सीईओ अंकित के पास सभी एजेन्टों की डायरेक्ट एक्सेेस भी है एजेन्ट उनसे जब चाहें तब सीधे तौर पर मिल सकते हैं। एजेन्टों को खिलाडियों से चयनकर्ताओं के बीच सीधी सेंटिग करवाने के बदले में उन्हें 10 से 20 परसेंट का कमीशन तो मिलता ही है अन्य सुविधाओं का लाभ भी एजेन्टों को सीईओ के माध्यम से मिल ही जाता है। यही नहीं इन दोनों का एजेंट बनने के बाद इनके चंगुल से निकलना मुश्किल ही नहीं असंभव भी प्रतीत होता है यदि एजेंट उनसे पीछा छुड़ाना चाहे तो व जबरन उसके खाते में उसके कमीशन की रकम डालकर उसे निकलने की इजाजत नहीं देते।अब इस आडियो के वायरल होने के बाद यूपीसीए के भीतर हडकम्प मचा हुआ है। संघ के कई अधिकारियों ने पूर्व सचिव के साथ ही बीसीसीआई के अधिकारियों से इसकी शिकायत कर भाई को बर्खास्त करने की गुहार लगायी है।
यूपीसीए के पदाधिकारी ने बताया की पूर्व सचिव के निजी सचिव ने थोडे समय के लिए चयन प्रक्रिया में हस्तक्षेप करना बन्द कर दिया था लेकिन अब एक बार फिर से यह प्रक्रिया शुरू हो गई है। अब तो एजेंटों के बीच में ज्यादा संख्या में खिलाड़ियों के शामिल कराने का संधि युद्ध भी शुरू हो गया है, इसके रोकने से ही पारदर्शिता का दौर लौट सकेगा। भाई का रुतबा या फिर डर कहें संघ के लोगों पर इस कदर प्रभावी है कि इस मामले में यूपीसीए का कोई भी पदाधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार ही नही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *