October 18, 2024

मादक पदार्थ की बिक्री से संबंधित वीडियो खबर के नीचे 🔻

संवाददाता।
कानपुर।
मुख्यमंत्री के नशा मुक्त प्रदेश के अथक प्रयासों और दिशा निर्देश के बावजूद भी प्रशासन उसपर लगाम नही लगा पा रहा है क्योकि मादक पदार्थों की बिक्री करने वाले नए नए तरीके निकालते रहते है उनके इस कृत्य में जिला प्रशासन के कुछ क्षेत्रीय सिपाही भी शामिल होते है जो काफी वर्षो से क्षेत्र में जमे हुए है। अगर प्रशासन डाल डाल तो ये पात पात है, अधिकारियों ने चरस गांजा बेचने वालो को चिन्हित करने का प्रयास किया तो नशे के तस्करों ने दूरस्थ स्थानों से कम उम्र के लड़कों को बुला कर जिनकी पहचान आम नही उनसे शिफ्ट वाइस नशे की बिक्री करवाते है बताते है कि एक लड़के का नंबर दोबारा कई दिन बाद आता है। इन तंग गलियों में छापेमारी प्रशासन के लिये बड़ा विषय है क्योकी पुलिस की दबिश उनतक पहुंचने से पहले ही उनतक सूचना पहुंच जाती है और वो उन सकरी गलियों में गायब हो जाते है । युवा पीढ़ी को नशे की लत लगाने वाला थाना चमनगंज निवासी मुन्ना चरस गांजे की बिक्री करवाते करवाते एक बड़े तस्करी गैंग का सरदार हो गया है, जिसके अंडरवर्ल्ड से भी नेटवर्क है उसका ये धन्दा व्यापक पैमाने पर चल रहा है। मुन्ना के गैंग में नाबालिग बच्चों को शामिल करके गंदा धंधा करवाया जाता है। यह गैंग थाना चमनगंज क्षेत्र में नाजायज चरस और ( काला सोना ) गांजा ( चिप्पड़ ) साथ ही प्रतिबंधित दवा का भी काला कारोबार कर रहा है। और अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि थाना क्षेत्र के दो सिपाहियों का भी इस गैंग को संरक्षण देने का आरोप है, जिनकी प्रशासन में तगड़ी पैठ है। इस गैंग के अंदर दर्जनों लड़कियां भी शामिल हैं, जो इसके नशे के काले कारोबार में शामिल हैं। इनके धंधे में पुलिस की आंच न पड़े इसलिए मुन्ना फ़र्ज़ी गुडवर्क करवाता है। ये पहले कई बार जेल भी जा चुका है, लेकिन उसके गैंग के काले कारोबार को रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाए गए हैं। इस चुनौतीपूर्ण परिस्थिति के बावजूद, मुन्ना की चरस की बिक्री बड़े स्तर पर हो रही है जिसका नया नाम कोर्ड में काला सोना है, और यह चमनगंज की झंडे वाला चौराहा के पास सिलाई मशीन की दुकान के करीब लड़के खड़े रहते है जो ग्राहक को तंग गलियों में ले जाकर मादक पदार्थ दिलवाते है। और कानपुर की कचहरी में जेल से पेशी पर आये अपराधियों को खाने के टिफिन में या खाने के सामान में छुपाकर मादक पदार्थ की पुडिया थमा दी जाती है जो पैक्ड होती है जिसको वो लोग निगल लेते है और जेल में पहुंचने के बाद उल्टी करके निकाल लेते है। इसके अलावा, चरस गांजे की बिक्री वाईट्सऐप के जरिये भी हो रही है। ये चरस, गांजा और नशे की दवाइयां बेचकर आज कल के युवाओं को चरस का आदी बनाया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *