संवाददाता।
कानपुर। कानपुर दौरे पर पहुंचे अखिलेश यादव ने जमकर यूपी की भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा अहंकारी पार्टी है। वो आदमी को आदमी नहीं समझ रहे हैं। देवरिया में अन्याय हुआ है, तो कानपुर में भी सिख समाज के दवा व्यापारी की भाजपा नेता ने आंख फोड़ दी। जीरो टॉलरेंस की बात करने वाले किसी की आंख की रोशनी छीन लेंगे। अखिलेश यादव ने सुसाइड करने वाले किसान बाबू सिंह यादव के परिजनों से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता ने किसान की जमीन हड़पने के लिए फर्जी तरीके से जमीन खरीदने का लालच दिया। मजबूरी में किसान को जान देनी पड़ी। आरोपी भाजपा नेता दोनों डिप्टी सीएम के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता है, तो आत्मसमर्पण का मौका दिया जा रहा है। अधिकारियों के साथ तालमेल बैठाकर काम किया जा रहा है। भाजपा नेता को बचाने के लिए लखनऊ और दिल्ली से फोन किए जा रहे हैं।अखिलेश यादव ने भाजपा पर हमलावर होते हुए आगे कहा कि किसान की जान लेने वाले भाजपा नेता को बचाने के लिए कानपुर के अधिकारियों के पास बुलडोजर की चाभी नहीं है। बुलडोजर में पेट्रोल-डीजल नहीं है। क्या बुलडोजर का ड्राइवर भाग गया। क्या लखनऊ से परमीशन नहीं मिली। अखिलेश यादव ने कानपुर कमिश्नरेट के अधिकारियों पर बड़े आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि शहर में दंगे हुए तो पुलिस ने एफआईआर में नाम हटाने और जोड़ने के लिए वसूली का पूरा गैंग चलाया। पुलिस के लोग वसूली गैंग चला रहे हैं। जातिगत जनगणना को लेकर अखिलेश यादव ने साफ कहा कि सपा जनगणना के पक्ष में है और इसे जरूर कराएगी। कहा कि लोकसभा चुनाव में पीडीए फार्मूला पर चुनाव लड़ेंगे और यूपी में 80 में से 80 सीटें जीतेंगे। गठबंधन पर बोलते हुए कहा कि ये इंडिया गठबंधन कांग्रेस स्पष्ट करें कि देश के स्तर पर है कि प्रदेश स्तर पर है। प्रदेश स्तर पर नहीं है तो सपा बाहर होगी। अखिलेश यादव के स्वागत में आगे खड़े होने को लेकर सपा विधायक मो. हसन रूमी और नगर अध्यक्ष फजल महमूद आपस में भिड़ गए। अपने-अपने नेता को उलझते देख समर्थक भी आपस में भिड़ गए। एक-दूसरे से धक्कामुक्की और गाली-गलौज करने लगे। बीच-बचाव करने पहुंचे पुलिसकर्मियों से सपाइयों ने अभद्रता की। यही नहीं, मीडिया कर्मियों से भी बदसलूकी की। विवाद के बाद सपा विधायक को सपा सुप्रीमो के साथ मंच पर बैठने के लिए जगह नहीं दी गई।