संवाददाता।
कानपुर। नगर में नगर आयुक्त जीएन शिव शरणप्पा ने एनबीडब्ल्यू जारी होने के बाद गुरुवार को सीएमएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया। नगर निगम के कर्मचारियों की नियुक्ति मामले में कोर्ट के बार-बार आदेश के बाद भी वह हाजिर नहीं हो रहे थे। इसके बाद कोर्ट ने नगर आयुक्त के खिलाफ एनबीडब्ल्यू वारंट जारी किया था। हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिलने पर उन्होंने सीएमएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया।
नगर निगम में कार्यरत कपिलमुनि सिंह समेत 25 कर्मचारियों को वर्ष-2006 में सेवा से हटा दिया गया था। नौकरी बहाली के लिए सभी ने श्रमायुक्त की कोर्ट में केस किया था। श्रमायुक्त ने सुनवाई के बाद वर्ष 2010 में कर्मचारियों की बहाली के आदेश दिए थे। लेकिन आदेश का पालन नहीं होने पर सीएमएम कोर्ट में वाद दाखिल किया था। बार-बार सम्मन भेजने के बाद भी नगर आयुक्त के कोर्ट में हाजिर न होने पर 22 जून 2023 को गैर जमानतीय वारंट जारी हो गया था।अधिवक्ता ने वारंट निरस्त करने के लिए अर्जी दी थी। लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया और नगर आयुक्त को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी नगर आयुक्त हाजिर नहीं हुए। नगर निगम चौकी प्रभारी की रिपोर्ट में कहा गया कि नगर आयुक्त कार्यालय में नहीं मिले। मामला आईएएस अधिकारी का है, इसलिए वारंट तामीली के लिए उच्च अधिकारियों से पत्राचार किया जा रहा है। कोर्ट ने माना कि नगर आयुक्त के प्रभाव और प्रशासनिक दबाव के कारण पुलिस कोर्ट के वारंट को कानूनी तौर पर तामील नहीं करा पा रही है। जानकारी होने के बाद भी नगर आयुक्त कोर्ट में हाजिर नहीं हो रहे हैं। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर नगर आयुक्त के खिलाफ नॉन बेलेबल वारंट जारी कर दिया गया। एनबीडब्ल्यू जारी होते ही नगर आयुक्त जीएन शिव शरणप्पा गुरुवार को सीएमएम कोर्ट में 25 हजार के निजी मुचलके पर जमानत पर छोड़ा। तब जाकर नगर आयुक्त ने राहत की सांस ली। नगर आयुक्त के खिलाफ एनबीडब्ल्यू और सरेंडर की खबर फैलते ही नगर निगम से लेकर प्रशासनिक महकमे में हलचल मच गई थी।