संवाददाता।
कानपुर। नगर में आज भारी बारिश हो रही है। वहीं वाराणसी, रायबरेली और देवरिया में भी सुबह से रुक-रुक कर बरसात हो रही है। यूपी में लौटता मानसून भी बारिश करा रहा है। प्रयागराज में देर रात बारिश हुई, फिर सोमवार सुबह भी बूंदाबांदी हुई। लखनऊ में बादल है। मौसम विभाग ने आज 12 जिलों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं अन्य 12 जिलों में भी सामान्य बारिश की संभावना है। इस बार ला-नीना के कारण बारिश का चक्र बेहद असंतुलित रहा। बारिश तो हुई, लेकिन लगातार न बरस कर, एक ही दिन में भारी बारिश हो गई।कौशांबी, प्रयागराज, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, भदोही, जौनपुर, गाजीपुर, मऊ, बलिया, देवरिया और आसपास भारी बरसात हो सकती है। वहीं, बांदा, चित्रकूट, फतेहपुर, प्रतापगढ़, आजमगढ़, कानपुर नगर, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या और उन्नाव में भी हल्की से मध्यम बारिश और बिजली गिरने का अलर्ट है। पश्चिम यूपी के कुछ इलाकों में भी बरसात हो सकती है। इस साल प्री मानसून के दौरान 158.2 मिमी बारिश हुई जो अच्छी बरसात मानी जाती है। यह औसत से अधिक थी। बीते 23 वर्षों में केवल वर्ष 2015 में 205.5 मिमी बारिश प्री मानसून में दर्ज की गई थी। तब मार्च में 170.3 मिमी बारिश हुई थी। मानसून जून से सितंबर तक माना जाता है। वर्ष 2023 में पूरे मानसून 759.5 मिमी बारिश हुई। यह औसत से करीब 12 फीसदी कम रही है। वर्ष 2017 में 669.9 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई। ऐसे में 2017 के बाद यह पहला अवसर है जब इतनी कम बारिश हुई। प्री और पोस्ट मानसून में बारिश तो पर्याप्त रही, लेकिन फसलों के लिए ज्यादा उपयोगी नहीं रही। एक ही दिन में अधिक बारिश का ट्रेंड फसलों के लिए उपयोगी साबित नहीं हुआ। इसमें धान की फसल के अतिरिक्त सब्जियां अधिक प्रभावित हुईं। धान के पौधे गिर गए तो सब्जियां सड़ गईं। वर्ष 2023 में बारिश का ट्रेंड अजब-गजब रहा है। जून में आमतौर पर अधिक बारिश नहीं होती है। वर्ष 2013 के बाद पहली बार 234 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई। यह बारिश औसत से अधिक रही। अगस्त और सितंबर में बारिश अपेक्षा से कम रही। अगस्त में 170.8 मिमी बारिश हुई जो औसत के नजदीक थी। सितंबर में मात्र 149.8 मिमी बारिश हुई। वैसे सितंबर माह में पैची रेन अधिक हुई।