
संवाददाता
कानपुर। शिवराजपुर विकासखंड के बैरी गांव में मनरेगा के संशोधित स्वरूप विकसित भारत रोजगार एवं आजीविका के लिए गारंटी मिशन (वीबीजी राम जी) पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इसमें ग्राम पंचायत के श्रमिकों और निवासियों को नए अधिनियम की जानकारी दी गई। सचिव अमित कुमार ने बताया कि संसद द्वारा पारित यह नया अधिनियम ग्रामीण परिवारों के लिए कई महत्वपूर्ण सुविधाएं लेकर आया है।
संशोधित अधिनियम के तहत, रोजगार की गारंटी 100 दिनों से बढ़ाकर 125 दिन कर दी गई है। इसके साथ ही, अब बेरोजगारी भत्ता का अधिकार भी दिया गया है। पहले इस योजना में बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करना कठिन शर्तों के कारण लगभग असंभव था, लेकिन नए अधिनियम में इन सभी प्रतिबंधों को हटा दिया गया है। यदि स्थानीय स्तर पर मजदूर द्वारा काम मांगने पर उसे कार्य नहीं मिलता है, तो उसे बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जाएगा। यह अब एक कानूनी रोजगार अधिकार बन गया है।
सचिव ने यह भी बताया कि पूर्व के अधिनियम में कार्य भुगतान में देरी होने पर कोई प्रावधान नहीं था। नए अधिनियम में यदि भुगतान 15 दिन से अधिक विलंबित होता है, तो विलंबित दिनों का मुआवजा मजदूरी के साथ दिया जाएगा।
वीबीजी राम जी के तहत कार्य योजना ग्राम स्तर पर ही तैयार की जाएगी, जिससे शासन से आदेशों की प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी। ग्राम पंचायतें ‘विकसित ग्राम पंचायत योजना’ तैयार करेंगी। संशोधित अधिनियम में कार्यों को चार प्रमुख श्रेणियों में बांटा गया है: जल सुरक्षा एवं संरक्षण कार्य, ग्रामीण संरचना से जुड़े कार्य, आजीविका संवर्धन से जुड़े कार्य, और जलवायु परिवर्तन व प्रतिकूल मौसम से निपटने वाले कार्य।
इस संशोधित अधिनियम का नया स्वरूप ग्रामीण स्तर पर विकास, सशक्तिकरण और स्थायी आजीविका के आधार तैयार करेगा।






