December 27, 2025

संवाददाता
कानपुर।
  डीएम ऑफिस में गुरुवार को सैकड़ों आशा वर्कर्स अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठ गईं। कलेक्ट्रेट के सामने वाली सड़क में बैठी आशा कार्यकर्तियों ने जमकर नारेबाजी की। आशा वर्कर्स ने मांग करी है कि हमारा वेतन बढ़ाकर 15 से 20 हजार रुपए किया जाए।
आशा वर्कर्स धूप, बरसात और कड़ाके की ठंड में लगातार काम करती हैं। आशा वर्कर्स ने बताया कि उन्हें 6 से 7 महीने से वेतन नहीं मिला, तत्काल वेतन भुगतान किया जाए। आशाओं को स्थायी किया जाए।
डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह आशा कार्यकर्तियों के बीच पहुंचे। आशा कार्यकर्तियों ने उनको ज्ञापन सौंपा। डीएम ने उनकी मांगों को लेकर आश्वासन दिया। तीन दिन पहले सीएमओ ऑफिस में आशा कार्यकर्तियों ने धरना दिया था। वहां पर सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी ने ज्ञापन लिया और मांगों को लेकर शासन से बात करने का आश्वासन दिया था।
आशा वर्कर्स ने कहा कि हमें टुकड़ों में भुगतान किया जाता है, वह भी पूरा नहीं मिलता। ज्योति ने कहा कि घर या खुद की तबीयत खराब होने पर अधिकारियों द्वारा काम से निकालने की धमकी दी जाती है।
आशाओ ने बताया कि कम वेतन के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। सरकार बेटी पढ़ाओ का नारा देती है, लेकिन इतने कम मानदेय में बच्चों को कैसे पढ़ाया जाए। मानदेय बढ़ाया जाए, ताकि वे अपने बच्चों को पढ़ा-लिखाकर अधिकारी बना सकें।
आशा वर्कर्स ने कहा, हमारी प्रमुख मांगें आशा वर्कर्स को 45/46वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के अनुरूप राज्य स्वास्थ्य कर्मी का दर्जा देकर न्यूनतम वेतन, मातृत्व अवकाश, ईएसआई, भविष्यनिधि, ग्रेच्युटी और पेंशन, 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा, 50 लाख का जीवन बीमा गारंटी, आशा कर्मियों के काम के घंटे तय करें। 2017 से अब तक लंबित भुगतानों को पूर्ण करने समेत अन्य जब तक पूरी नहीं होंगी, तब तक हमारा धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। 

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