December 7, 2025

• सीएसजेएमयू के होटल मैनेजमेंट विभाग ने जताया हर्ष।

संवाददाता

कानपुर। यूनेस्को ने अवधी भोजन को अपनी विश्व गैस्ट्रोनॉमी विरासत सूची में शामिल किया है। अवधी व्यंजन अपना उम्दा, स्वाद और व्यंजन को पकाने की अनोखी तकनीक के लिए विश्व में प्रसिद्ध हैं। व्यंजनों में कबाब, कोरमा, निहारी, बिरयानी,शीरमाल और कुल्फी जैसे व्यंजन अवधी खानपान की शान माने जाते हैं। और अवधी भोजन खाने वाले लोग इसको काफी ज्यादा पसंद भी करते हैं । 

इस उपलब्धि पर छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के होटल मैनेजमेंट विभाग के सहायक आचार्य डॉ. अरविंद चौहान ने बताया कि अवधी भोजन का यूनेस्को सूची में शामिल होना भारत की सांस्कृतिक और पाक कला की पहचान के लिए अत्यंत गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि इससे पाक कला,पर्यटन, स्थानीय रोजगार और कुकिंग शिक्षा को नई दिशा मिलेगी। होटल मैनेजमेंट विभाग ने इस पहल को भारतीय पाक-कला के उत्थान की दिशा में एक प्रेरक कदम भी बताया है। 

इसके साथ ही होटल मैनेजमेंट विभाग आने वाले महीनों में अवधी फूड फेस्टिवल, कुलिनरी वर्कशॉप और पारंपरिक व्यंजनों के संरक्षण पर शोध परियोजनाएं शुरू करने की योजना बना रहा है। जिससे विभाग के छात्रों को लाभ भी मिलेगा । 

इसके साथ ही यूनेस्को की यह मान्यता लखनऊ को एक वैश्विक गैस्ट्रोनॉमिक गंतव्य के रूप में भी स्थापित करेगी। इस उपलब्धी से न केवल घरेलू और विदेशी पर्यटक आकर्षित होंगे, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था, होटल व्यवसाय और स्थानीय कारीगरों को भी इसका लाभ मिलेगा।