
संवाददाता
कानपुर। लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ इस बार कानपुर महानगर में भक्ति और उत्साह के अभूतपूर्व संगम के साथ मनाया गया। सुबह उगते सूरज को अर्घ्य देने के लिए हजारों श्रद्धालु महिलाओं ने पवित्र जलाशयों के घाटों पर पहुंचकर पूजा-अर्चना की। फूलों से सजे घाटों ने श्रद्धा का अनोखा नज़ारा प्रस्तुत किया।
छठ के अवसर पर इस वर्ष भी आवास विकास हंसपुरम डबल पुलिया नहर के, घाट में भव्य आयोजन किया गया। पिछले कई वर्षों से यहां छठ पूजा का यह पारंपरिक आयोजन निरंतर आयोजित किया जा रहा है।
सुनील तिवारी की देखरेख में इस बार भी श्रद्धालु महिलाओं के लिए डुबकी लगाने और पूजा-अर्चना करने हेतु विशेष इंतजाम किए गए हैं। पार्क में साफ-सफाई के साथ सजावट की विशेष व्यवस्था की गई है।
रंग-बिरंगे आकर्षक पत्थरों से परिसर को सजाया गया है, वहीं शाम के समय लाइटों की मनमोहक रोशनी ने वातावरण को और भी आलोकित कर दिया।
इस वर्ष यहां लगभग 7 से 8 हजार श्रद्धालु महिलाएं श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना के लिए पहुंची।
मंगलवार की भोर में व्रतधारी महिलाओ ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर अपने व्रत का समापन किया। महिलाओं ने ठेकुआ, केले, गन्ना, अदरक, नींबू, और अन्य फलों का प्रसाद सजाकर टोकरी में रखा। घर-घर में छठी मइया के गीतों की गूंज के साथ भक्ति और उल्लास का वातावरण छाया हुआ था।
छठ पूजा आज केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि लोक संस्कृति का जीवंत प्रतीक बन चुकी है। कानपुर के घाटों पर सामूहिक भक्ति, पारंपरिक वस्त्रों में सजे श्रद्धालु और लोकगीतों की मिठास ने शहर के माहौल को आध्यात्मिक रंगों से सराबोर कर दिया। श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे को छठ की शुभकामनाएं दीं।




